Ram Mandir Bhumi Pujan : भूमि पूजन के दिन लोगों को याद आया झारखंड का मसानजोर डैम, जानिए रामजन्मभूमि आंदोलन से क्या है इसका नाता…?

Ram Mandir Bhumi Pujan : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर निर्माण की नींव पड़ गयी. इसी बीच दुमका का मसानजोर डैम भी चर्चा में आ गया. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा लेकर निकले लालकृष्ण आडवाणी को इसी मसानजोर डैम स्थित सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में नजरबंद कर रखा गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2020 4:57 PM

Ram Mandir Bhumi Pujan : दुमका (आनंद जायसवाल) : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर निर्माण की नींव पड़ गयी. इसी बीच दुमका का मसानजोर डैम भी चर्चा में आ गया. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा लेकर निकले लालकृष्ण आडवाणी को इसी मसानजोर डैम स्थित सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में नजरबंद कर रखा गया था.

25 सितंबर, 1990 को गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने श्रीराम रथयात्रा निकाली थी. उस रथयात्रा का भले ही उनकी गिरफ्तारी की वजह से 23 अक्टूबर, 1990 को बिहार का समस्तीपुर में आखिरी पड़ाव साबित हुआ, पर सुर्खियों में उस वक्त दुमका का मसानजोर डैम खूब आया था.

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बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सरकार ने समस्तीपुर में लालकृष्ण आडवाणी और उनके साथ चले रहे प्रमोद महाजन को गिरफ्तार करवा था. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लालू ने वरीय पुलिस अधिकारी डॉ रामेश्वर उरांव (वर्तमान में झारखंड सरकार में मंत्री) एवं आरके सिंह को जवाबदेही गयी सौंपी थी. समस्तीपुर के सर्किट हाउस में जिस जगह आडवाणी रात्रि विश्राम कर रहे थे, वहीं रात में उनके जगने का इंतजार किया गया और अहले सुबह 5 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तुरत वहां से हैलिकाप्टर से ही दुमका के मसानजोर डैम स्थित सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में नजरबंद कर दिया था. आडवाणी 3 नवंबर, 1990 तक यहां रहे.

मसानजोर के इस सर्किट हाउस में आडवाणी के नजरबंद होने के दौरान मसानजोर से 20 किलोमीटर के इलाके में उस वक्त इतनी सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गयी थी कि कोई समर्थक उन तक न पहुंच सके. फिर भी राम मंदिर को लेकर जोश में जगे कई कार्यकर्ता उन तक पहुंचने के प्रयास में सफल भी रहे थे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद‍् के कुछ कार्यकर्ता तो मयूराक्षी नदी पार करने के बाद झंडे लहराकर उनका अभिवादन भी किया था.

लालकृष्ण आडवाणी जिस दिन समस्तीपुर में गिरफ्तार किये गये और वहां से मसानजोर लाये गये, तब सक्रिय भाजपाइयों में से 8 लोगों को उसी रात गिरफ्तार किया गया था. दूसरे दिन छठ था. 2 दिनों के बाद आवाज तेज होने लगी, तो आडवाणी के समर्थन में लोग खुद गिरफ्तारी देने पहुंचने लगे. लगभग 350 लोगों ने दुमका में अपनी गिरफ्तारी दी. स्थिति ऐसी हो गयी थी कि जेल में उतने लोगों को रखने की जगह नहीं थी और पंडाल बनाकर ऐसे लोगों को जेल में रखना पड़ा था.

Posted By : Samir Ranjan.

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