रानीश्वर स्टेडियम का गेट नहीं, असामाजिक तत्वों का लगता है जमावड़ा
शराब पीने के बाद नशेड़ी शराब की बोतलें तोड़ देते हैं जो जहां-तहां बिखरा पड़ा रहता है. मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी इस वजह से कभी-कभी चोटिल हो जाते हैं.
प्रतिनिधि, रानीश्वर शाम ढलते ही प्रखंड के रानीग्राम मिडिल स्कूल के पास बना स्टेडियम असामाजिक तत्वों व शराबियों का अड्डा बन जाता है. यह परेशानी इसलिए है कि स्टेडियम के मुख्य द्वार पर दरवाजा नहीं लगाया गया है. शराब पीने के बाद नशेड़ी शराब की बोतलें तोड़ देते हैं जो जहां-तहां बिखरा पड़ा रहता है. मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी इस वजह से कभी-कभी चोटिल हो जाते हैं. जानकारी के अनुसार करीब 15 साल पहले एनआरइपी विभाग से लगभग 80 लाख रुपये की लागत से स्टेडियम का निर्माण हुआ था. स्टेडियम के लिए चहारदीवारी, गैलरी, जल निकासी नाली, स्टेडियम के बाहर कटरा व चेंजिंग हाल आदि निर्माण कराया गया था. पर स्टेडियम में प्रवेश व निकास द्वार पर मुख्य दरवाजा नहीं लगाया गया था, जिससे स्टेडियम में बेवजह लोगों का बेरोकटोक जाना-आना लगा रहता है. स्टेडियम में स्कूल कालेज के छात्र – छात्राओं का स्पोर्ट्स कराया जाता है. मुख्य द्वार पर गेट रहने से केवल जरूरत के वक्त इसका उपयोग होने से इसकी उपयोगिता सुनिश्चित रहती. प्रखंड के एकमात्र स्टेडियम के पास मिडिल स्कूल के साथ ही एमजी इंटर काॅलेज, डिग्री कॉलेज व प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल भी है. स्टेडियम में गेट लगवाने के लिए खेलप्रेमियों ने प्रशासन का ध्यान भी आकृष्ट कराया था. फिर भी इसके लिए कोई पहल नहीं की गई है.
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