पांच साल बाद आइटीआइ व फार्मेसी कॉलेज का नहीं कटा फीता
उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए करोड़ों की राशि से तत्कालीन सरकार ने बनावाया था भवन
मसलिया. राज्य सरकार उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े शिक्षा संस्थान के भवन निर्माण कराती जा रही है. करोड़ों की लागत से बने भवन पांच साल से उद्घाटन का इंतजार कर रहे हैं. इसकी बानगी देखनी है तो मसलिया प्रखंड की सापचाला पंचायत अंतर्गत ठाढ़ी गांव स्थित राजकीय फार्मेसी संस्थान का भवन व सापचाला गांव में अवस्थित आइटीआइ कॉलेज भवन को देख सकते हैं. दोनों भवन शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. पांच साल बीत जाने के बाद भी शैक्षणिक संस्थानों का उद्घाटन नहीं हो सका है, जिससे छात्र-छात्राओं को औद्योगिक व चिकित्सीय शिक्षा से दूर है. इस क्षेत्र में रघुवर सरकार के कार्यकाल में व तत्कालीन मंत्री डॉ लुईस मरांडी की पहल पर दो बड़े-बड़े शैक्षणिक संस्थान का निर्माण शुरू हुआ था. दोनों के आलीशान भवन बनकर तैयार है. करोड़ों की लागत के ये भवन उद्घाटन के इंतजार में अपनी चमक को खोने को मजबूर है. उद्घाटन व सत्र प्रारंभ नहीं होने से शिक्षित युवक युवतियों में नाराजगी देखी जा रही है.फार्मेसी संस्थान भवन करीब 11.87 करोड़ की लागत से भवन तैयार हुआ है, जिसका विधिवत उद्घाटन नही हुआ है. फार्मेसी कॉलेज साढ़े सात एकड़ भूखंड में निर्मित हुआ है. भवन तैयार होने से क्षेत्र के शिक्षित युवाओं में एक उम्मीद जगी थी. लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी नया भवन चालू नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है.फार्मेसी संस्थान का भवन झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा बनवाया गया है, जिसका 22 जून 2019 को तत्कालीन मंत्री डॉ लुईस मरांडी के हाथों से शिलान्यास हुआ था. पढ़ाई शुरू नहीं होने पर छात्र-छात्राओं में मायूसी वहीं सापचला में एकमात्र औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन का निर्माण आइटीआई में प्रशिक्षुओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया है, जिसका संचालन श्रम विभाग वे द्वारा होना है. छात्रों को तकनीकी शिक्षा दी जानी है. आइटीआइ में प्रशिक्षण इस साल भी होता नहीं दिख रहा है. भवन का रंग-रोगन फीका होता जा रहा है. भवन में दरारें आ गयी है. प्रांगण में साफ-सफाई तक करनेवाला नहीं है. प्राईवेट सिक्योरिटी देखरेख के लिए जरूर है. तकनीकी संस्थानों का भवन सापचाला सड़क किनारे 4.25 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार है. विद्यार्थियों को इसका फायदा नये शैक्षणिक वर्ष में मिलने की आश है. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आइटीआइ में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों की उम्मीद टूटने लगी है. युवा युवतियों की मांग है अविलंब दोनों संस्थान को चालू कराया जाये.
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