रानीश्वर. दुमका-सिउड़ी मुख्य सड़क के पर्यटन स्थल मसानजोर में बार-बार सड़क दुर्घटना होने के बावजूद प्रशासन व पीडब्ल्यूडी की ओर से दुर्घटना को कम करने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है. नतीजा बार-बार हो रही सड़क दुर्घटना में एक दशक के अंदर करीब एक दर्जन लोगों की जानें गयी है तथा कई लोग घायल भी हुए हैं. बुधवार को मसानजोर ढलान के सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन के नीचे तीखे मोड़ पर मकई लदा एक ट्रक पलट जाने से बिखरे मकई की बोरी के नीचे कई लोग दब गये थे. जिससे 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इलाज के क्रम में एक शिशु व दो महिला की मौत हो गयी है. इसके दो साल पहले मसानजोर ढलान के बस स्टैंड के समीप सड़क दुर्घटना में रानीश्वर के उपप्रमुख रंजीत दास व पारा शिक्षक राकेश पांडेय उर्फ लिटिल की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे. उस सयय पीडब्ल्यूडी, सड़क सुरक्षा विभाग, पुलिस प्रशासन की ओर से संयुक्त रूप से दुर्घटना स्थल का जायजा लिया गया था और दुर्घटना कम करने के लिए पहल करने पर चर्चा की गयी थी. पर दो साल बीत जाने के बावजूद इस संबंध में कोई पहल नहीं की गयी है. नतीजा यहां बार-बार सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. इसके पहले भी कई बार मसानजोर बस स्टैंड व डैम के नीचे सड़क की ढलान पर कई बार दुर्घटना हुई है. यहां सड़क किनारे बनाये गये कंक्रीट की रेलिंग भी टूट चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मसानजोर के हिल टाॅप से लोड ट्रक उतरते समय चालक द्वारा नियंत्रण खो देने से अक्सर डैम के नीचे सड़क की ढलान पर या बस स्टैंड के समीप दुर्घटना होती है तथा धाजापाड़ा की ढलान के तीखे मोड़ पर भी बार-बार दुर्घटना दुर्घटना घटी है. यहां भी सड़क किनारे मकान क्षतिग्रस्त हुआ है तथा दुर्घटना में जानें भी गयी है. कभी-कभी सड़क पर लोड ट्रक चढ़ाव उठते वक्त सड़क के ऊपर की ओर जाने के बदले नीचे लुढ़क जाने से भी दुर्घटना घटी है. दो साल पहले सड़क हादसे में दो की हुई दर्दनाक मौत के बाद मसानजोर बाइपास सड़क बनाने की भी चर्चा हुई थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाइपास सड़क बनाने से लोड ट्रकों को बाइपास से भेजे जाने से सड़क दुर्घटना कम हो सकती है. ज्यादातर सड़क दुर्घटना लोड ट्रकों के चलते होती रही है.
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