रामगढ़ के मयूरनाथ में करमा महोत्सव का सार्वजनिक आयोजन, सामूहिक रूप से गीत-संगीत में झूम रहे लोग

भुइयां, घटवाल घटवार संघ के तत्वावधान में बुधवार को रामगढ़ प्रखंड के मयूरनाथ गांव में सामूहिक करमा पर्व का आयोजन किया गया. मयूरनाथ में गत वर्ष से करमा पर्व का सामूहिक रूप से आयोजन किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2024 11:33 PM

रामगढ़. भुइयां, घटवाल घटवार संघ के तत्वावधान में बुधवार को रामगढ़ प्रखंड के मयूरनाथ गांव में सामूहिक करमा पर्व का आयोजन किया गया. मयूरनाथ में गत वर्ष से करमा पर्व का सामूहिक रूप से आयोजन किया जा रहा है. करमा पर्व समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर कुमार मंडल एवं जिला परिषद सदस्य अनीता देवी उपस्थित थे. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर कुमार मंडल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति एवं पहचान को बचाए रखने के लिए अपने पर्व मनाना बहुत ही जरूरी है. आज सरकारी स्तर पर भी संस्कृति की रक्षा एवं परंपरा को कायम रखने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं. जिससे गांव की पुरानी परंपरा मौजूद रहे. बुधवार को सुबह से ही तेज धूप के बावजूद समाज के महिला, पुरुष, किशोर एवं किशोरियों के उत्साह में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी. सुबह 10 बजे से ही प्रखंड के विभिन्न गांवों से करमा व्रती डाली लेकर आयोजन स्थल पर पहुंचने लगी थी. कार्यकर्ताओं द्वारा सभी गांव से लाई गई डालियों को मैदान के बीच में बने पूजा स्थल पर रखा जा रहा था. रामगढ़ प्रखंड के लगभग 130 गांव के भुइयां, घटवाल, घटवार समाज के लोगों के साथ-साथ दुमका के कई प्रखंड से भी सामूहिक करमा पर्व में भाग लेने समुदाय के लोग पहुंचे थे. परम्परा के अनुरूप युवाओं द्वारा करम डाल लाकर उसे पूजा स्थल के मध्य लगाया गया. सभी करमा व्रती महिलाएं एवं युवतियां लाल पाड़ वाली सफेद साड़ी एवं लाल रंग की ब्लाउज पहने हुए थी. वहीं पुरुष एवं युवक सादे रंग की धोती एवं गंजी पहने हुए थे तथा माथे पर लाल रंग की पगड़ी बांधे हुए थे. इस दौरान करमा व्रती अपने साथ नए सूप में कई प्रकार के पकवान लेकर आई थी. अपने-अपने सूप को आगे रखकर डाली के चारों ओर गोल घेरा बनाकर बैठ गई. इसके बाद समाज के पुरोहित बुनबुनी निवासी जयलाल राय एवं शंकरपुर निवासी वासुदेव राय द्वारा सभी करमा व्रतियों को करमा-धरमा की कथा सुनाई गई. इसके बाद नृत्य-गीत का दौर प्रारंभ हुआ.जो देर शाम तक चलता रहा. कई गांव के विभिन्न टोलियों द्वारा झूमर नृत्य प्रस्तुत किया गया.वहीं महिलाओं ने भी अपने टोली के साथ झूमर गान पर जमकर नृत्य किया. आयोजन समिति द्वारा सुंदर झूमर गीत एवं नृत्य प्रस्तुत करने वाले टोली को पुरस्कृत भी किया गया. रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से 36 गांवों की टोलियां झुमर नृत्य एवं गीत में शामिल हुई. देर शाम गोसांई विसर्जन के साथ सामूहिक करमा पर्व का समापन किया गया. सामूहिक करमा पर्व को सफल बनाने में जीतलाल राय, नागेन्द्र राय, हिसाबी राय, लालमोहन राय, बीरबल सिंह, अनिल राय, मंतोष राय, कंचन राय, अशोक राय, प्रेमलाल राय, रामकिशोर राय, काशीनाथ राय, गोविन्द राय, राजीव रंजन, मिथिलेश राय, चंद्रकिशोर राय, हीरा लाल राय, संजय राय, सुरेंद्र राय, सुरेश राय आदि ने सक्रिय भूमिका निभायी. करमा महोत्सव में रामगढ प्रखंड के दर्जनों गांवों के करमैती एवं रसिक उपस्थित थे.

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