मांग. संप स्थापना दिवस पर ग्राम प्रधानों ने की सभा, आयुक्त को सौंपा ज्ञापन संवाददाता, दुमका संताल परगना स्थापना दिवस पर ग्राम प्रधान मांझी संगठन की ओर से रविवार को दुमका के इंडोर स्टेडियम में सभा हुई. इसके पहले शहर में रैली निकाली गयी. आंबेडकर चौक, सिदो कान्हू चौक, वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए इंडोर स्टेडियम पहुंची. सभा की अध्यक्षता कर रहे प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने ग्रामसभा को शक्तियां प्रदान करने, स्वशासन व ग्राम स्वराज के तहत ग्रामस्तर पर विकास की समुचित राशि ग्रामसभा को देने और योजनाओं के कार्यान्वयन का समुचित अधिकार देने की मांग की. कहा कि प्रमंडल में हर खेत को पानी, हर हाथ को काम के तहत गंगा नदी से पाइपलाइन द्वारा सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की आज तक पहल नहीं होना दुखद है. उन्होंने संताल परगना के सभी ग्राम प्रधान व लेखा होड़ को सरकार की ओर से जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा 10 लाख रुपये का कराने, ग्राम प्रधानों की सम्मानित राशि प्रतिमाह 10 हजार रुपये और सभी लेखा होड़ यानि नायकी जोग मांझी, कुड़ूम नायकी, पराणिक एवं गुड़ैतों की सम्मानित राशि प्रतिमाह पांच हजार रुपये करने, ग्राम प्रधानों व लेखाहोड़ों की अगस्त 2024 से सम्मानित राशि की बढ़ोतरी का जल्द भुगतान करने, भू-राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड सरकार रांची के संकल्प संचिका सं०- 06/मानकी मुण्डा 277/2018-2651/रा० रांची दिनांक 16.08.2024 के आधार पर कराने, सभी जिले के छूटे लेखा होड़ यानी पराणिक, जोग मांझी, नायकी, कुड़ाम नायकी और गुड़ैत को सम्मानित राशि अविलंब भुगतान कराने तथा झारखंड सरकार की नियोजन नीति 60-40 को अविलंब रद्द करने की मांग की. सभा को भीम सोरेन, श्रीपति कुमार मंडल, अपित कुमार झा, मुकेश झा, रूसोराम बास्की, सुबोध बास्की, सोनाधन बास्की, पर्वत राय, लालधारी मुर्मू, प्रतिमा सोरेन, भरत मुर्मू, शांति देवी, विनोद लायक, फुलमुनी मुर्मू आदि ने संबोधित किया. ग्राम प्रधानों की मुख्य मांगें संताल परगना के स्तर पर 1932 के गेंजर खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति एवं नियोजन नीति निर्धारित हो. प्रधानी व्यवस्था को सुदृढ़ हेतु संताल परगना स्तर पर ग्राम प्रधान परिषद का गठन किया जाये. संताल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 (पूरक) के प्रावधान के तहत माल गुजारी की वसूली ग्राम प्रधान के माध्यम से पूर्व की तरह ऑफलाइन से की जाय. बंदोबस्त विभाग में व्यापक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त पदाधिकारी एवं कर्मचारियों की जांच अविलंब करायी जाये. प्रधानी जोत जमीन में गेंजर सेटलमेंट की तरह वर्तमान ग्राम प्रधान का नाम दर्ज किया जाये.
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