फर्जी सर्टिफिकेट देकर सेविका हुई बहाल, वेरिफिकेशन के बाद थाना में केस दर्ज
मैट्रिक के अंकपत्र में प्राप्तांक 300 को बना 400 अंक दिया था. एसकेएमयू से बीएससी पास करने का भी सर्टिफिकेट फर्जी निकला.
दुमका कोर्ट. दुमका जिले के मसलिया प्रखंड के पारबाद गांव में सेविका के तौर पर चयनित पूनम कुमारी के प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन के क्रम में फर्जी पाये गये हैं. ऐसे में वहां के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के निर्देश पर महिला पर्यवेक्षिका महीमाला हेंब्रम ने उनके विरुद्ध मसलिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. भादवि की दफा 420, 471, 467, 468 एवं 34 के तहत इस दर्ज प्राथमिकी में पूनम कुमारी के साथ-साथ इस फर्जीवाड़ा में संलिप्त अन्य दोषी व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक इसी साल चार मार्च को हुई आमसभा में पूनम ने मैट्रिक परीक्षा के अंकपत्र की जो स्व-अभिप्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायी थी, उसे झारखंड अधिविद्य परिषद ने सत्यापन के दौरान फर्जी पाया है. झारखंड अधिविद्य परिषद ने रिपोर्ट दी है कि पूनम का कुल प्राप्तांक 300 ही है, जबकि स्व अभिप्रमाणित छायाप्रति में कुल प्राप्तांक 400 अंकित है. इसी प्रकार बीएससी की उत्तीर्णता का अंकपत्र की जो स्व-अभिप्रमाणित छायाप्रति समर्पित की गयी थी, वह विवि के रिकार्ड से ही मेल नहीं खाती है. यानी वह प्रमाण पत्र भी फर्जी ही था.
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