राजकीय श्रावणी मेला. कांवरियों से पटा रहा फौजदारीनाथ का दरबार, लगे जयकारे प्रतिनिधि, बासुकिनाथ राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के 28वें दिन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को रिमझिम बारिश के बीच बाबा फौजदारीनाथ के दर्शन और जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गयी. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 52,520 कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ का जलार्पण कर सुख-समृद्धि की कामना की. दिनभर मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंजता रहा. मंदिर प्रांगण में कतारबद्ध होकर महिला-पुरुष कांवरियों ने जलाभिषेक किया. भोलेनाथ की प्रभातकालीन पुरोहित पूजा के बाद कांवरिया श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट को खोल दिया गया. सुबह तीन बजे से श्रद्धालु कतारबद्ध व सुरक्षित व्यवस्था के तहत फौजदारीनाथ का जलाभिषेक करना प्रारंभ किया. शाम पांच बजे भोलेनाथ की विश्राम पूजा के लिए कांवरियों का जलार्पण और पूजा रोक दी गयी. इस बीच बाबा का षोडशोपचार पूजन के बाद क्षणिक विश्राम के लिए बाबा मंदिर के कपाट बंद कर दिया गया. विश्राम पूजन के बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले गये. कांवरियों ने फिर से मंदिर में जलार्पण करना शुरू किया, जो रात्रिकालीन शृंगार पूजा तक जारी रही. मंदिर में कांवरियों के श्रद्धा आस्था देखते ही बन रही थी. मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था व कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पदाधिकारी लगे रहे. सरकारी पूजा के बाद मंदिर का पट कांवरियों के लिए खोल दिया गया. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, क्यू कॉम्प्लेक्स तक लगी थी. कतारबद्ध कांवरियों को बरसात व धूप से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा शेड की भी व्यवस्था की गयी है. मंदिर निकास द्वार के बगल में जलार्पण काउंटर है, जिसमें 5,540 महिला पुरुष कांवरियों ने जल डाला. जलार्पण काउंटर में डाले गये जल सीधे बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर पाइप द्वारा गिरता है. इस व्यवस्था को श्रद्धालु इंटरनेट जलार्पण कहते हैं. काउंटर पर आठ एलइडी टीवी लगाये गये हैं. इसमें भोलेनाथ के गर्भगृह में जलार्पण का लाइव दर्शन होता है. इसे श्रद्धालु इंटरनेट पूजा कहते हैं. —- 1260 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनम मंदिर कार्यालय के अनुसार रविवार को 1260 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाकर सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत कांवरियों ने 300 रुपये का रसीद कटाया. इसके बाद श्रद्धालुओं के सिंह दरवाजे से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया गया. इस व्यवस्था से मंदिर न्यास समिति को 3 लाख 78 हजार रुपये प्राप्त हुए. शीघ्रदर्शनम पूजा कर कांवरिया प्रसन्न हो रहे हैं. —- मंदिर को 7,56,158 रुपये की आमदनी हुई — मंदिर न्यास पर्षद को विभिन्न श्रोतों से 7,56,158 रुपये की आमदनी हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 3,23,360 एवं गोलक से 42,740 रुपये प्राप्त हुए. अन्य श्रोतों से 12,058 रुपये मंदिर को मिले. वहीं चांदी का सिक्का 10 ग्राम तथा पांच ग्राम के सिक्के की बिक्री हुई. दानपेटी एवं गोलक से निकले राशि की गिनती सीसीटीवी के निगरानी में मंदिर प्रशासनिक भवन में अधिकारियों के समक्ष की गयी. — फोटो- बासुकिनाथ में कतारबद्ध कांवरिया, गर्भगृह में प्रवेश करते श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़
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