हेडिंग ::: आगे भी सरकार के साथ बनीं रहें सेविका-सहायिकाएं, मांगें हो जायेंगी पूरी
प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के राज्यस्तरीय सम्मेलन को सांसद नलिन सोरेन ने किया संबोधित, कहा
दुमका. झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले दुमका के बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में सेविका-सहायिकाओं का राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित रविवार को आयोजित हुआ. इसमें मुख्य अतिथि दुमका सांसद नलिन सोरेन एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस लुप्सी बेसरा, यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा उपस्थित थे. सांसद ने कहा कि राज्य की जनता के साथ-साथ पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने हेमंत सरकार पर जो भरोसा जताया था, उस भरोसे पर हेमंत सरकार खरी उतरी है. प्रारंभिक तौर पर जिन समस्याओं को आंगनबाड़ी कर्मियों ने रखा था, उसे दूर किया गया है. इसमें उनके मानदेय वृद्धि का भी फैसला शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अन्य जो भी मांगे हैं, उससे सरकार वाकिफ है और उसे लेकर भी गंभीर है. उन्होंने कहा कि उन मांगों को भी धरातल पर उतारने का कवायद होनी है. कहा कि अगर आचार संहिता लग जाता है, तो भी हेमंत सरकार दोबारा सत्ता में आकर उन बचे हुए कामों को जरूर पूरा करायेगी. जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सेविका-सहायिकाओं के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. छोटे-छोटे बच्चों को संभालना, उन्हें खेल-खेल में पढ़ाना और पोषाहार खिलाना ही उनका दायित्व नही है, उनसे कई तरह की सेवाएं ली जाती हैं और उसमें वे खुद को बेहतर साबित करतीं रही है. उन्होंने कहा कि अब तक जो भी मांगे पूरी हुई हैं, वे सभी उन्हें उनकी एकजुटता के कारण ही नसीब हुई है. वे आनेवाले समय में भी एकजुटता बनाए रखेंगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता वीणा सिन्हा ने और कार्यक्रम का संचालन प्रदेश संयोजक रामचंद्र पासवान ने किया. मांगों को अनुसूना करने पर सरकार भी बिखर जायेगी : प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत व विषय प्रवेश के साथ प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने किया. श्री सिन्हा ने कहा कि हम संगठित रहेंगे, तभी हमारी ताकत रहेगी. हमारी मांगों को सरकार सुनेगी. दो माह में सरकार बनने बिगड़नेवाली है, जिसने सम्मान दिलाया है, उसे अगर 62 साल बाद कटोरा थमाया जा रहा. यह बहनों के साथ कैसा सम्मान है. सरकार को पश्चिम बंगाल की तरह रिटायरमेंट बेनिफिट देना चाहिए. हमारी मांग पेंशन की भी है. सरकार के समक्ष हमने मांगें रखी थी. सरकार ने हमारी मांगें नहीं सुनी और अगर सेविकायें-सहायिकायें बहनें बिखरने को मजबूर हुई, तो सरकार भी बिखर जायेगी. बारी-बारी से दुमका जिला अध्यक्ष मार्शिला हेंब्रम, रांची जिला अध्यक्ष रेशमा केरकेट्टा, गढ़वा जिला अध्यक्ष कौशल्या देवी, गोड्डा जिला अध्यक्ष माया देवी, लातेहार जिला अध्यक्ष कावित्री नागेश्रािया, पलामू जिला अध्यक्ष पुष्पा देवी, खूंटी जिला अध्यक्ष जयंती बाग, पाकुड़. जिला अध्यक्ष करुणा नाग, स्किम फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव इस्मत आरा खातून, फेडरेशन की झारखंड प्रभारी लीली दास आदि ने अपने-अपने विचार किया.
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