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कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मियों का आंदोलन जारी

कुलपति से वार्ता के बाद नहीं बनी बात, मांगों पर देर शाम तक डटे रहे

दुमका. सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय व तमाम अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मचारियों की हड़ताल 20 दिनों से जारी है. मंगलवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ बिमल प्रसाद सिंह के नेतृत्व में तमाम पदाधिकारी, डीन और विभागाध्यक्ष वार्ता के लिए कर्मचारियों के पास बैठे. घंटेभर तक चली वार्ता के बाद भी कोई निदान न निकला और कर्मचारी अपने मांगों पर देर शाम तक डटे रहे. कुलपति ने कर्मचारियों की मांगों के संदर्भ में किये गये प्रयास, उच्च शिक्षा निदेशालय और राजभवन से किये गये पत्राचार आदि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी. छात्रहित में कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया. वार्ता के दौरान कुलपति प्रो बिमल प्रसाद सिंह ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षकेतर कर्मचारियों की मांगों से राजभवन व सरकार को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक नहीं बल्कि दो बार निदेशालय व राजभवन को पत्र भेजा गया है, जिसके आलोक में राजभवन ने निदेशालय को जल्द सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन निर्धारण करने का निर्देश भी दिया है. इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग में मामला लंबित है. कुलपति ने कहा कि निदेशालय से प्राप्त 14 दिसंबर के पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा वेतन निर्धारण से संबंधित कोई भी दस्तावेज निदेशालय को नहीं भेजा गया है. इस पर विश्वविद्यालय ने निदेशालय को अपना पक्ष भेज दिया है, जिसमें विश्वविद्यालय ने कहा है कि सातवें वेतनमान के तहत वेतन निर्धारण के दस्तावेज पहले ही भेजे जा चुके हैं. तालाबंदी से सभी हितधारकों को हो रही परेशानी : वीसी विश्वविद्यालय के कुलपति ने धरने पर बैठे कर्मचारियों से धरना समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में तालाबंदी से छात्र समेत विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कर्मचारियों को अपने स्तर से हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि यहां तालाबंदी करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. मिल बैठकर बात करने से ही समस्या का समाधान होगा. हालांकि कुलपति के आश्वासन पर कर्मचारी टस से मस नहीं हुए और अपनी मांगों पर डटे रहे. वार्ता के दौरान सभी महाविद्यालयों के अध्यक्ष एवं सचिव समेत दर्जनों कर्मचारी उपस्थित थे. सभी कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक सातवें वेतनमान में वेतन भुगतान प्रारंभ नहीं किया जायेगा. हड़ताल जारी रहेगी. वार्ता व आश्वासन के भरोसे नहीं रहेंगे कर्मी : सचिव महासंघ के सचिव नेतलाल मिर्धा ने कहा कि अब कर्मचारी वार्ता व आश्वासन के भरोसे नहीं रहेंगे. हमलोगों की मात्र एक ही मांग है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इसे भी पूरा नहीं कर सकता, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. श्री मिर्धा ने कहा कि सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण व वेतन भुगतान हमारा हक है. भूखे पेट नौकरी नहीं की जाती. हम अपने हक के अनुरूप वेतन लेकर ही काम करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद राय ने कहा कि हम आंदोलन को और उग्र करेंगे. शिक्षा मंत्री के समक्ष गुहार लगायेंगे. इसी क्रम में कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल दुमका के विधायक बसंत सोरेन से मिला और मांग-पत्र समर्पित किया. विधायक श्री सोरेन ने आश्वासन दिया कि उनके स्तर से जो भी मदद होगा, करेंगे.

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