संपूर्ण शिक्षा कवच सरकारी स्कूल के छात्रों का आइआइटी-एनआइटी में दाखिले का कर रहा मार्ग प्रशस्त
मैंने बहुत मेहनत की है और कभी हार नहीं मानना चाहता था. मैं अपनी रैंक और आकांक्षा के आधार पर आइआइटी बीएचयू, आइआइटी
दुमका. दुमका में सरकार की ओर से चलाई जाने वाली टेक-ड्रिवेन शिक्षा कार्यक्रम “संपूर्ण शिक्षा कवच” ने आइआइटी जेइइ एडवांस 2024 में बच्चे को सफलता दिलायी है. इसका उपयोग करके निखिल कुमार ने एआईआर 15480 प्राप्त किया है और वह प्लस टू आरके हाइस्कूल जरमुंडी के छात्र हैं. यह अद्वितीय है कि दुमका के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्र ने पहली कोशिश में आइआइटी में स्थान प्राप्त किया है. साथ ही झारखंड बोर्ड के कक्षा 12वीं के नतीजों में संपूर्ण शिक्षा कवच कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल पासिंग पर्सेंटेज 74.70% से बढ़कर 80.45% हो गया है, जबकि झारखंड राज्य के लगभग 88% अन्य जिलों में पासिंग पर्सेंटेज में 10 % की गिरावट आई है. जेइइ मेन में भी झारखंड के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छह छात्र दुमका के गांवों से हैं-निखिल कुमार 98.3%, ललन कुमार 96.3%, गौरव कुमार 95.5%, अभिषेक कुमार गुप्ता 94%, रिशु राज 92%, अभिनव राज 89 % अंक अर्जित कर 31 छात्रों के साथ उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे. निखिल कुमार ने कहा इस कार्यक्रम में दाखिला लेने से मुझे सही दिशा में अकादमिक और प्रेरक समर्थन मिला. उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने कहा कि इस कार्यक्रम ने छात्रों को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करने में मदद की है. यह दुमका के लिए बहुत गर्व की बात है कि उसके सरकारी स्कूल का एक छात्र आइआइटी में पहुंचा है. जेइइ मेन्स में भी झारखंड के छह शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्र दुमका के गांवों से हैं, जिन्हें एनआइटी में दाखिला मिलेगा. इस प्रोजेक्ट को बारीकी से देख रहे डीडीसी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य इस जिले में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान सहित विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण बोर्ड परीक्षाओं के साथ अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्रों की तैयारी लंबे समय से प्रभावित हो रही है. हम चाहते हैं कि हमारे छात्र राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करें और इसके लिए कक्षाओं के अंदर और बाहर उनका समर्थन करना आवश्यक है. जिला शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार ने ई-लर्निंग कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि हमारे स्कूलों में आइसीटी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हुए, हमने अपने छात्रों को कई स्तरों पर समग्र सहायता प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम को डिजाइन किया है.
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