शिक्षकों से हो अच्छा व्यवहार, तानाशाही फरमान पर लगे रोक
काॅलेज में व्याप्त समस्याओं को लेकर प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ स्कमुटा ने जतायी नाराजगी
दुमका. संताल परगना महाविद्यालय में स्कमुटा की बैठक बुलायी गयी. अध्यक्षता स्कमुटा के महासचिव डॉ संतोष कुमार शील ने की, जबकि स्कमुटा कार्यकारिणी सदस्य डॉ सुजीत सोरेन विशिष्ट अतिथि बैठक में उपस्थित हुए. बैठक की शुरुआत स्कमुटा के संताल परगना महाविद्यालय अध्यक्ष डॉ शंभू कुमार सिंह ने की. महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा एवं उनका सही समाधान होने पर बैठक मुख्य रूप से आधारित थी. उन्होंने बैठक की शुरुआत में ही महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं जैसे वीक्षण कार्य व परीक्षा में कदाचार से संबंधित, प्रयोगात्मक परीक्षाओं में विभागाध्यक्ष की राय न लेना, मूल्यांकन में विरमित होने पर भी बायोमीट्रिक की जबरदस्ती नियम लागू करने पर क्षोभ जताया. निरंतर महाविद्यालय में शिक्षक के साथ हो रहे बुरे बर्ताव को कैसे सकारात्मक माहौल में परिवर्तित किया जाये, महाविद्यालय सद्भाव से संचालित हो. तथा समान अवधारणा एवं मानसिकता की स्थिति बनी रहे, उच्च शिक्षा को लगातार प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाना आदि कई समस्याओं पर चर्चा की गयी. कहा गया कि प्राचार्य डॉ खिरोधर प्रसाद यादव ने तानाशाही फरमानों से लगातार शिक्षकों की समस्याओं को बढ़ाने का काम किया है. महाविद्यालय में न तो पानी की सही व्यवस्था है और न ही शौचालय की. कुछ क्लासरूम में स्मार्ट बोर्ड तो हैं, पर उसे किसी खजाने की तरह ताले के अंदर रखा गया है, कॉलेज परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी की गिरफ्त में है. फिर भी गरीब बच्चों की साइकिल चोरी हो जाती है. परीक्षा में वीक्षकों की संख्या-छात्र अनुपात में ठीक नहीं होता. कई समस्याएं विश्वविद्यालय के इस प्रीमियम कॉलेज में व्याप्त है, उन्हें सुधारने की बजाय महाविद्यालय प्रशासन तानाशाही में चूर है. बैठक में सम्मिलित शिक्षकों ने खुलकर कॉलेज के बेहतर भविष्य के लिए समस्याओं को बताया.
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