Loading election data...

दुमका में जन्म के बाद छोड़ दी गयी बच्ची अब तेलंगाना के दंपती के गोद में भरेगी किलकारी

Jharkhand News (दुमका) : एक वर्ष पूर्व झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड में जन्म के तुरंत बाद खेत में छोड़ दी गयी नवजात बालिका अब तेलंगाना के दंपती के गोद में किलकारियां भरेगी और उसे उनका वात्सल्य प्राप्त होगा. इस नवजात बालिका को जब लावारिस अवस्था में खेत में पाया गया था, तब बाल कल्याण समिति के आदेश से स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी में रखा गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2021 8:31 PM

Jharkhand News (आनंद जायसवाल, दुमका) : एक वर्ष पूर्व झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड में जन्म के तुरंत बाद खेत में छोड़ दी गयी नवजात बालिका अब तेलंगाना के दंपती के गोद में किलकारियां भरेगी और उसे उनका वात्सल्य प्राप्त होगा. इस नवजात बालिका को जब लावारिस अवस्था में खेत में पाया गया था, तब बाल कल्याण समिति के आदेश से स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी में रखा गया था.

तेलंगाना के इस निःसंतान दंपती ने कारा (Central Adoption Resource Authority- CARA) के वेबसाइट में बच्चे को गोद लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन वर्ष 2018 में कराया था. कारा के द्वारा दुमका एडॉप्शन एजेंसी में रह रहे शिशु को आरक्षित किया गया था. तेलंगाना के इस दंपती ने एडॉप्शन कमेटी के समक्ष सशरीर उपस्थित होकर शिशु को गोद लेने की अपनी इच्छा जाहिर की. समिति द्वारा आवश्यक कागजातों की जांच कर एडॉप्शन कमेटी के द्वारा दंपती की काउंसलिंग की गयी एवं संतुष्ट होने पर एडॉप्शन कमिटी ने सर्वसम्मति से शिशु को प्री एडॉप्शन फोस्टर केयर के तहत गोद देने का निर्णय लिया.

इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिता कुजूर ने बताया कि गोद दी गयी बच्ची का 18 वर्ष की आयु होने तक फॉलोअप किया जायेगा. दंपती को भी कहा गया कि 18 वर्ष के पहले किसी भी परिस्थिति में उसका विवाह नहीं करेंगे.

Also Read: झारखंड के इस सरकारी स्कूल में बनती है अवैध शराब, उत्पाद विभाग व पुलिस की दबिश पर हुआ खुलासा

वहीं, शिशु को गोद में पाकर निः संतान दंपती ने भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें जीने की आशा मिल गयी है और वे अपना सारा जीवन बच्ची के भविष्य निर्माण में लगा देंगे. विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के कर्मियों ने शिशु को भविष्य की शुभकामनाओं के साथ विदाई दी. मौके पर एडॉप्शन कमेटी के अध्यक्ष सह जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी
समेत अन्य उपस्थित थे.

बता दें कि ऐसे निःसंतान दंपत्ति/ गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति समाज कल्याण मंत्रालय के कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) के वेबसाइट (cara.nic.in) पर खुद रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. कारा द्वारा पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर इच्छुक व्यक्ति को गोद दिया जाता है.

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार साह ने बताया कि ऐसे परित्यक्त, अनाथ, सरेंडर बच्चे जो लावारिस हालत में पाये जाते हैं उनके जैविक माता-पिता की खोज समिति के आदेश से 60 दिनों तक करायी जाती है. निर्धारित समयावधि के अंदर अगर कोई अभिभावक अपना दावा पेश नहीं करते हैं, तो समिति के द्वारा उक्त बालक/शिशु को लीगली फ्री कर दिया जाता है और ऐसे बालक /शिशु को कारा के गाइडलाइन के अनुरूप गोद दे दिया जाता है. शिशु / बालक के संबंध में अंतिम आदेश जिले के कुटुंब न्यायालय के द्वारा पारित किया जाता है. गोद लेने के इच्छुक दंपति/ व्यक्ति को कारा के गाइडलाइन का अनुपालन करना आवश्यक है.

Also Read: झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने लिया संज्ञान, केरल से मुक्त हुए संताल परगना के 32 श्रमिक व 5 बच्चे

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version