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आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है : डॉ विनोद त्रिपाठी

बासुकिनाथ सेवा मंडल लिलुआ हावड़ा द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन डाॅ विनोद त्रिपाठी ने शिव महापुराण का वाचन किया.

प्रतिनिधि, बासुकिनाथ बासुकिनाथ सेवा मंडल लिलुआ हावड़ा द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन डाॅ विनोद त्रिपाठी ने शिव महापुराण का वाचन किया. कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है. भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गये हैं. पर शिव ने विवाह भी कर संसार को गृहस्थ आश्रम में रहकर भी वैराग्य व योग धर्म का अनुशरण करने का तरीका दिया. दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता भी बतायी. कहा जो दावा करें दुख मिटाने का, वो नकली है. क्योंकि जो असली है, वो आपके दुखों को मिटाने का दावा नहीं करेगा. वो आपके जीवन को समझायेगा कि इंसान का शरीर संसार में आया है, तो दुख मिलेगा. भगवान पर भरोसा रखना, सब ठीक हो जायेगा. अपने व्यवहार और अपने आचरण से प्रेरणा देने की कोशिश करनी चाहिए, जो हम दूसरों को सिखाते हैं. वो स्वयं हमें ग्रहण करना चाहिए, जो राम के आचरण को अपनायेगा वो राम कथा सुनायेगा, जो नारायण की कथा को स्वयं पर उतारे वो उनकी कथा कहेंगे और जो शिव तत्व को अपनायेंगे वो शिव महापुराण सुनायेंगे. श्रद्धालुओं के बीच भजन की अमृत वर्षा हुई. कहा कि शिव की पूजा करने से, जीवन भर मिलेगी सत्ता. एक बार भगवान शिव के चरणों में डूब जाओ, जीवनभर का सत्ता और राजयोग मिल जायेगा. शिव की भक्ति से भगवान जिंदगी में चार चांद लगा देते हैं. भोले राजयोग से लेकर सब कुछ देगा. भगवान श्रीगणेश का जन्मोत्सव मनाया. भगवान शिव के विभिन्न अवतार के बारे में बताया. आयोजन को सफल बनाने में सदस्य सत्यनारायण गुप्ता, विष्णु गुप्ता, गोपाल धानुका, अखिलेश्वर सिंह, अक्षय कुमार, मोहित कुमार आदि लगे हैं. ———————————— शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन सुनाया शिव विवाह का प्रसंग

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