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बासुकिनाथ में बाबा फौजदारीनाथ को चढ़ा तिलक, 75 हजार तिलकहरुओं ने की पूजा अर्चना

भगवान शिव व माता पार्वती की शादी महाशिवरात्रि के दिन होगी. आगामी 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि के दिन हिम राजा की पुत्री माता पार्वती के साथ विवाह रचाने के लिए हिमालय के तराई क्षेत्र हिमालय आमंत्रित किया गया.

माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बुधवार को बसंत पंचमी पर उत्साह व उमंग के बीच बाबा फौजदारीनाथ का शुभ तिलकोत्सव हुआ. बाबा के तिलकोत्सव में मिथिलांचल से पहुंचे लोग ससुराल पक्ष की ओर से थे. मिथिला के लोग माता पार्वती को बहन व भगवान भोलेनाथ को बहनोई मानते हैं. तिलकोत्सव के गवाह बने हजारों तिलकहरुओं ने मंदिर परिसर में जमकर अबीर उड़ाये, मिठाइयां बांटी तथा महिलाओं ने मंगल गीत गाये. संपूर्ण मंदिर परिसर हर हर भोला के जयकारों से गूंज उठा. गाजे-बाजे के साथ देर रात तक चले इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान मंदिर प्रांगण में मिथिलांचल से पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. तिलकोत्सव में महिलाओं ने मांगलिक गीत गाये. भगवान औघड़दानी का तिलक देखने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी. बाबा फौजदारीनाथ को तिलक के दौरान चांदी का मुकुट, आसन, अंगूठी, बाजु, मठिया, धोती, इत्र, फल-फूल, दही, मिष्ठान आदि चढ़ाये गये. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि तिलकोत्सव से लेकर महाशिवरात्रि तक माता पार्वती को सिंदूर नहीं चढ़ाया जायेगा. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के प्रतीकात्मक त्रिशूल द्वारा माता पार्वती के मांग में सिंदूर भरा जायेगा.

बसंत पंचमी पर 75 हजार श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 75 हजार श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. बाबा फौजदारीनाथ की नगरी मिथिलावासियों से पटी हुई थी. मिथिलांचल वासी बड़े आकार वाले भारी भरकम पारंपरिक कांवरों में उतरवाहिणी गंगा से जल भरकर बासुकिनाथ पहुंचे. इन तिलकहरुओं से विभिन्न धर्मशालाओं मैदान व मंदिर के इलाके पटे हुए हैं. आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ भी बड़ी संख्या में जुटी. पुलिस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया. संस्कार भवन गेट से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कर कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने गर्भगृह में पूजा अर्चना की. मंदिर प्रभारी आशीष कुमार एवं पुलिस निरीक्षक दयानंद शाह ने गर्भगृह में महिला पुरुष श्रद्धालुओं को प्रवेश कराकर पूजा अर्चना करायी. बसंत पंचमी के अवसर पर शिवभक्तों ने भगवान शिव व माता पार्वती पर गठबंधन व ध्वजा चढ़ाया. माता पार्वती के पौराणिक मिथिलांचल के ये भक्त अहले सुबह ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. वहीं भक्तों ने मंदिर प्रांगण में मुंडन संस्कार भी कराये.

पंचमी पर 1219 भक्तों ने शीघ्रदर्शनम किया, 3,65,700 रुपये की आमदनी हुई

मंदिर प्रभारी सह नपं प्रशासक आशीष कुमार ने बताया कि बसंत पंचमी पर शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत बुधवार को 1219 भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ का दर्शन पूजन किया. इस व्यवस्था से मंदिर को 3,65,700 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. भक्तों ने शीघ्रदर्शनम के तहत मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का टोकन प्राप्त कर वीआइपी गेट से मंदिर गर्भगृह में भोलेनाथ कासुगमतापूर्वक दर्शन पूजन किया.

महाशिवरात्रि को होगी भोलेनाथ की शादी

भगवान शिव व माता पार्वती की शादी महाशिवरात्रि के दिन होगी. आगामी 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि के दिन हिम राजा की पुत्री माता पार्वती के साथ विवाह रचाने के लिए हिमालय के तराई क्षेत्र हिमालय आमंत्रित किया गया. इस दिन भगवान भोलेनाथ बनेंगे दुल्हा. तिलकोत्सव को लेकर मिथिलांचल वासियों में उत्साह का माहौल है. मंदिर प्रांगण में तिलकहरूओं के द्वारा भजन व शिवनाचारी गीत गाया जा रहा है. मंदिर प्रांगण में एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली खेली. मिथिलांचलवासियों में यह परंपरा लगभग पांच सौ साल से रही है. दरभंगा से आये शंकर झा, गोपेश्वर झा, दीपक, पूनम, मंजु आदि भक्तों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से लगातार सपरिवार बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान भोलेनाथ का जलार्पण कर तिलक चढ़ाते है. बाबा फौजदारीनाथ का तिलकोत्सव के कारण शृंगार पूजा नहीं हुआ. मिथिलावासियों की भीड़ मंदिर में जुटी हुई है.

प्रशिक्षु आइएएस सह प्रभारी एसडीओ के देखरेख में श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर प्रशिक्षु आइएएस सह प्रभारी एसडीओ के देखरेख में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की. सीसीटीवी से मंदिर परिसर व आसपास क्षेत्र के गतिविधियों पर नजर बनाये रखा. मंदिर में संभावित भीड़ को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम कर रखा था. काली मंदिर के समीप बैरियर पर ही सभी छोटे वाहनों को रोक दिया गया था. मंदिर के समीप छोटे वाहनों के नहीं पहुंचने से यात्रियों को सुविधाएं मिली. प्रशिक्षु आइइएस सह प्रभारी एसडीओ प्रांजल ढाढा, एसडीपीओ संतोष कुमार, सीओ आशुतोष ओझा, बीडीओ नीलम कुमारी, नपं प्रशासक आशीष कुमार, पुलिस निरीक्षक दयानंद शाह मंदिर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर पैनी नजर बनाये रखा.

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