दुमका: अखिल भारतीय संताली लेखक संघ संताल परगना जोन व दिसोम मांझी थान आर जाहेर थान समिति के सौजन्य से नारायण सोरेन तोड़े सुताम का जनशताब्दी समारोह व साहित्य सम्मेलन लुमाय हवेली दुमका में रविवार को आयोजित किया गया. शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों ने सिदो कान्हू, नारायण सोरेन तोड़े सुताम व पंडित रघुनाथ मुर्मू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया. स्वागत संबोधन के बाद तोड़े सुताम की संताली साहित्यिक यात्रा व उनकी रचनाओं में चर्चित रचना कीर्तन काली एवं आसाड़ बिनती पर प्रकाश डाला गया. संताली काव्य रचना बांडोक व कोरोम कोपाल के लिए नाजीर हेंब्रम को तोड़े सुताम स्मृति पुरस्कार दिया गया. साहित्यकार भैया हांसदा चासा व चुंडा सोरेन सिपाही को साहित्यिक सेवा अवार्ड दिया गया.
इन्होंने व्यक्त किए विचार
मुख्य अतिथि नारायण सोरेन तोड़े सुताम के सुपुत्र राम कृष्ण सोरेन, अतिथि संताली लेखक संघ के झारखंड शाखा के अध्यक्ष रजनीकांत मंडी, सचिव सुधीर चंद्र मुर्मू, मुख्य सचेतक भुजंग टुडू, एएसइसीए के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मरांडी, बिहार शाखा के सचिव सिल्वेस्टर मरांडी, परगना मासी मरांडी, शिवलाल मरांडी, शिबू टुडू, मंजन हांसदा ने विचार व्यक्त किए.
ये किए गए सम्मानित
मुख्य अतिथि राम कृष्ण सोरेन ने आजीवन संताली साहित्य की सेवा करने वाले चुंडा सोरेन सिपाही एवं भैया हांसदा चासा को साहित्यिक सेवा अवार्ड प्रदान किया. नाजीर हेंब्रम को अपनी साहित्यिक रचना बांडोक एवं कोरोम कोपाल के लिए नारायण सोरेन तोड़े सुताम स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया.
इनकी रही सक्रिय भागीदारी
सम्मेलन सफल बनाने में सचिव सुशील हांसदा, कोषाध्यक्ष टेकलाल मरांडी, सुरेश चंद्र सोरेन, दिसोम मांझी थान सदस्य, बाबूलाल हांसदा, रूपधन सोरेन, नटवा हांसदा, शुभम जय श्री मुर्मू, रविंद्र सोरेन, रामप्रसाद हांसदा, सुंदरलाल सोरेन, सीताराम सोरेन, क्लेमेंट सोरेन ने बहुमूल्य योगदान दिया.
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