Jharkhand News (दुमका) : जनजातीय समाज खासकर संताल समाज में महिलाएं हर तरह के कार्य करती हैं, पर हल नहीं जोत सकती. ऐसी पारंपरिक मान्यता है. पर, झारखंड सरकार की पहल पर महिला समूह की सदस्यों को अब खेतों पर ट्रैक्टर चलाते, उसकी जुताई करते देखा जा सकता है. सरकार ने अब महिलाओं को मिनी ट्रैक्टर उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. धनरोपनी से पहले वे खुद से खेत भी जोत सकें तथा अन्य कृषि कार्य कर पायें.
दुमका जिले में ऐसे 26 समूहों को मिनी ट्रैक्टर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. 5 समूह की महिलाओं को एक कार्यक्रम में पूर्व कृषि मंत्री नलिन सोरेन व जिप अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने संयुक्त रूप से मिनी ट्रैक्टर की चाबियां सौंपी. इन महिलाओं को इससे पहले मिनी ट्रैक्टर को चलाने का 14 दिनों का विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया जा चुका है और इस क्रम में परिसर के तमाम खेत उनसे जोतवाये जा चुके हैं.
भूमि संरक्षण कार्यालय परिसर में कृषि यांत्रिकीकरण प्रोत्साहन योजना (Agricultural Mechanization Promotion Scheme) के तहत स्वयं सहायता समूह की पांच महिलाओं को 80 फीसदी अनुदान पर ट्रैक्टर दिया गया. महिलाओं को ट्रैक्टर की चाबी देने के बाद पूर्व मंत्री नलिन सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में ट्रैक्टर दिया गया है, ताकि वे भी खेती कर खुद को आत्मनिर्भर बना सकें.
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वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष जोयस बेसरा ने कहा कि महिलाएं अब खेत में ट्रैक्टर चलाती दिखेंगी. अब महिला किसी मायने में पुरुष से कम नहीं है. खेत वे हल से नहीं जोततीं, पर ट्रैक्टर से वे इस काम को कर पायेंगी. भूमि संरक्षण पदाधिकारी सुबोध प्रसाद सिंह ने कहा कि 80 फीसदी अनुदान पर चंपा बाग, कियाडाडी जीवन झरना, लांतिति आजीविका, सूरजमुखी आजीविका व दुलार झरना सिंह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ट्रैक्टर दिया गया है. 5 लाख के इस ट्रैक्टर के एवज में इन्हें केवल एक लाख रुपया देना पड़ा है. मौके पर क्षेत्र परीक्षक शशि भूषण कुमार सिंह, दिलीप मिस्त्री एवं लेखापाल नीरज कुमार मौजूद थे.
Posted By : Samir Ranjan.