संवाददाता, दुमका सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय और इसके सभी अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मचारियों का बेमियादी आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. उनकी एकमात्र मांग सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन निर्धारण और भुगतान है. इसी मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन शनिवार को अपने 19वें दिन में प्रवेश कर गया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी उनकी परेशानी और आक्रोश को और बढ़ा रही है. प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष परिमल कुंदन ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की केवल एक मांग सातवें वेतनमान के अनुसार आंतरिक स्रोत से वेतन का भुगतान है. उन्होंने कहा कि यदि कुलपति चाहें तो रांची विश्वविद्यालय की तर्ज पर इसे लागू कर सकते हैं. लेकिन कुलपति राजभवन और उच्च शिक्षा निदेशालय से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. कुंदन ने प्रशासन की इस देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हमारी मांग पूरी तरह जायज है, तो अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया है. महासंघ के प्रक्षेत्रीय सचिव नेतलाल मिर्धा ने विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की परेशानियों का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस मांग को अनदेखा कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने समस्याओं को और जटिल बना दिया है. मिर्धा ने जोर देते हुए कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन भुगतान शुरू नहीं हो जाता.
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