3 दशक बाद कैम्पस के अंदर होगा वीसी रेसिडेंस, सिदो कान्हू यूनिवर्सिटी की वीसी सोना झरिया मिंज जल्द होंगी शिफ्ट
jharkhand news: सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर सोना झरिया मिंज जल्द ही कैंपस के अंदर बने वीसी रेसिडेंस में शिफ्ट होंगी. सामानों की शिफ्टिंग शुरू हो गयी है. 3 दशक बाद यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर वीसी रेसिडेंस बना है.
Jharkhand news: दुमका के सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर सोना झरिया मिंज अब यूनिवर्सिटी परिसर में बने वीसी रेसिडेंस में शिफ्ट होंगी. उनके इस रेसिडेंस में सामानों की शिफ्टिंग शुरू कर दी गयी है. यूनिवर्सिटी के स्थापना काल 1992 से ही पहले कुलपति डॉ अमर कुमार सिंह के कार्यकाल से जिला परिषद् का डाक बंगला, जो कि संत एंड्रूज चर्च खूटाबांध के बगल में है, उसे किराये पर लेकर वीसी रेसिडेंस के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है.
जिला परिषद् कई बार इस भवन को खाली करने व ससमय किराया भुगतान नहीं होने की स्थिति में यूनिवर्सिटी से पत्राचार करता रहा था. अब जबकि वीसी दिग्घी कैम्पस में बने अपने रेसिडेंस में शिफ्ट हो जायेंगी, तब कयास लगाया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी इस भवन को खाली कर देगा.
जिला परिषद् का जो भवन अब तक कुलपति आवास के तौर पर जाना जा रहा था. वह भवन काफी जर्जर हो चुका है. भवन भी काफी पुराना है, जिसकी मरम्मती भी ढंग से नहीं हो पाती. भवन काफी छोटा भी है. इस भवन में केवल दो ही कमरे हैं.
Also Read: झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब सहायक अध्यापक के नाम से जाने जायेंगे, सीएम हेमंत सोरेन ने की घोषणा चार साल पहले बन चुका था वीसी रेसिडेंसजानकारी के मुताबिक, दुमका का वीसी रेसिडेंस तकरीबन साढ़े तीन-चार साल पहले ही बन चुका था. भवन बनने के बाद चाहरदिवारी वगैरह का काम हुआ. अब दूसरी बार इसका रंग-रोगन किया गया है. यह भवन ठीक मेडिकल कॉलेज कैम्पस से सटा हुआ है.
महज पांच साल में ऐसी हो गयी दुर्दशासिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी के दिग्घी कैम्पस में गैर शैक्षणिक कार्य वाले भवनों का निर्माण पहले हुआ था. मसलन छात्रावास, आफिसर्स क्वाटर, गेस्ट हाउस आदि पर जो सबसे जरूरी था, उसका प्रस्ताव व निर्माण बाद के वर्षों में हुआ. ऐसे में जब क्लास के लिए कमरों की कमी थी, तब विभागों का संचालन आफिसर्स के क्वाटर में आरंभ करा दिया गया था. आठ क्वाटर में आठ विभाग तकरीबन दो साल तक संचालित भी हुए. बाद में जब विभागों के लिए एकेडेमिक ब्लॉक बनकर तैयार हुआ, तब उसे उसमें शिफ्ट किया गया.
लेकिन, शिफ्टिंग के बाद इन आफिसर्स क्वाटर की बदहाली देख तकलीफ होती है. महज पांच साल भी जिन भवनों के बने हुए नहीं हुआ, उन भवनों के सामने उसकी उंचाई के आकार के बेर व कंटीली झाड़ियां, घास-फूस उग आये हैं. खिड़कियां चौखट-कब्जे को छोड़ पकड़ ढिली कर चुकी हैं. बेंच-डेस्क पर धूल की मोटी परत जम गयी है. कायदे से ये आफिसर्स क्वाटर प्रोवीसी, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, डीएसडब्ल्यू, डिप्टी रजिस्ट्रार जैसे अधिकारियों के लिए बनाये गये थे. ऐसे में जब वीसी का आवासन इस कैम्पस में होने लगेगा, तो स्वाभाविक तौर पर अन्य अधिकारियों का भी आवासन इस कैम्पस के अंदर ही सुनिश्चित होने लगेगा.
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