दुमका : संताल परगना के इलाके में कम पढ़े-लिखे लोगों को ओझागुनी तंत्र-मंत्र और डायन आदि के नाम पर लोगों को खूब दिग्भ्रमित कर रहे हैं. परेशानी झेल रहे लोगों को जब ऐसे ओझागुनी यह बताते हैं कि उनकी तकलीफ की वजह कोई बुजुर्ग महिला या पुरुष हैं, तो परेशानी से उबरने के लिए वे उनकी जान लेने तक को उतारू हो जाते हैं. दुमका के रानीश्वर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. वृद्ध महिला की हत्या कर देनेवाला खुद उसका बेटा था, जिसके हाथ भी उस वक्त नहीं कांपे, जिस वक्त वह अपनी मां का गला घोंट रहा था. उस मां का, जिसने उसे जन्म दिया, परवरिश की. ओझागुनी की बातों में आकर उसे केवल यही दिख रहा था कि उनके बच्चों की असामयिक मौत खुद उसकी बुजुर्ग मां है. मिली जानकारी के मुताबिक बोड़ाबाथान में हुई इस लोमहर्षक घटना में अपनी मां के हत्यारोपी कांत की शादी करीब छह साल पहले पांचपहाड़ी गांव में हुई थी.
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार इस दरम्यान उसकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया, पर एक भी बच्चा नहीं बचा. अंतिम बार करीब दो महीना पहले एक बच्चे की मौत हुई थी.इसके बाद कांत काम की तलाश में हैदराबाद चला गया था. पिछले गुरुवार को वह हैदराबाद से लौटा था. कांत के मां-बाप व बड़ा भाई परिवार के साथ बोड़ाबाथान स्कूल टोला में रहते थे. वहीं छोटा भाई कांत गांव के नीचे टोला में रहता था. आंकड़ों के अनुसार, दुमका में 06, साहिबगंज, में 06, जामताड़ा में 02, देवघर में 01 व पाकुड़ में 03 हत्याएं हो चुकी हैं.