Dumka By Election 2020 : दुमका : झारखंड में दुमका विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प बन गया है. बीजेपी प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी ने भी अपना नामांकन किया. इससे पहले सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने नामांकन दाखिल किया था. यह हाईटेक सीट मानी जा रही है. इस सीट पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई है. इधर, मंगलवार को बीजेपी प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी ने नामांकन के पूर्व विभिन्न मंदिरों में माथा टेकी. इसके बाद ही नामांकन करने पहुंचीं.
दुमका विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी ने मंगलवार को निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंची. डॉ लुईस मरांडी ने एक सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया है.
बता दें कि डॉ लुईस मरांडी दुमका से इससे पहले वर्ष 2009, वर्ष 2014 एवं वर्ष 2019 का चुनाव लड़ चुकी हैं. वर्ष 2009 में अपने पहले चुनाव में डॉ लुईस को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन दूसरी बार 2014 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पराजित कर उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी और रघुवर सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं थीं. वहीं, 10 महीने पहले हुए 2019 के चुनाव में उन्हें हेमंत सोरेन से पराजय का सामना करना पड़ा.
इस सीट को छोड़ देने की वजह से इस बार पार्टी ने उनपर फिर से भरोसा जताया है. उनके सामने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के छोटे बेटे एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन झामुमो प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, जिन्होंने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
नामांकन के बाद बीजेपी प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि यह चुनाव वे दुमका की बहन- बेटी के तौर पर लड़ रही हैं, जबकि झामुमो के प्रत्याशी स्थानीय नहीं बाहर के हैं. जनता के पास हमारे 5 साल के कार्यकाल का अनुभव भी है और उन्होंने अब की सरकार के 10 महीने का भी कार्यकाल देखा है. एक सवाल के जवाब में डॉ लुईस ने कहा कि परंपरागत सीट पर जीत का दावा करने वाले झामुमो के लिए दुमका कोई रजिस्टर्ड सीट नहीं है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव की तरह इस क्षेत्र की जनता परिणाम को दोहरायेगी. भाजपा की जीत होगी. चुनाव मैदान में भाजपा के कार्यकर्ता डटे हुए हैं.
Posted By : Samir Ranjan.