साहित्यकार सड़क के लिए भूख हड़ताल पर, जानिये क्या है इनकी और मांगें
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल गुरुवार से जरमुंडी प्रखंड के सुखजोरा बिसनपुर गांव के समीप दो दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने जर्जर सड़क को शीघ्र बनवाने और दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजन को मुआवजे देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है.
बासुकिनाथ : साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल गुरुवार से जरमुंडी प्रखंड के सुखजोरा बिसनपुर गांव के समीप दो दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने जर्जर सड़क को शीघ्र बनवाने और दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजन को मुआवजे देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. उन्होंने कहा : मैं एक ऐसे इलाके में रह रहा हूं, जहां पैदल चलने के लिए भी सड़क नहीं है.
जनप्रतिनिधियों का काम मैं कर रहा हूं. अवैध बालू-गिट्टी की ढुलाई के कारण यहां की सड़कें जर्जर हो गयी हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सड़क की मरम्मत व अवैध बालू-गिट्टी की ढुलाई पर रोक लगाने की मांग करता हूं.
बासुकिनाथ से नोनीहाट तक सड़कें जर्जर : नीलोत्पल ने कहा : इस इलाके की आवाज, जब किसी ने नहीं उठायी, तो यहां का बेटा होने के नाते सड़क के लिए आंदोलन कर रहा हूं. बासुकिनाथ से नोनीहाट तक सड़कें जर्जर हो चुकी हैं. अवैध ढुलाई के कारण रोड खत्म हो गया. मुझे स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय आदि की मांग करनी चाहिए थी. पर आज सड़कों के लिए धरना पर बैठा हूं. संताल परगना के अन्य जिलों से भी युवाओं की भीड़ जुट रही है.
सुखजोरा बिसनपुर में दो दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे नीलोत्पल, सड़क की मरम्मत कराने की मांग
Post by : Pritish Sahay