Jharkhand News: सिमडेगा का युवक 13 साल तक फ्री में करता रहा दिल्ली में काम, दुमका की महिला बनी देवदूत

सिमडेगा का एक युवक दिल्ली में पिछले 13 सालों से फ्री में काम कर रहा था. ठेकेदार लगातार उसका शोषण कर रहा था. दुमका की महिला को जानकारी मिलने के बाद वह युवक को अपने साथ झारखंड ले आई.

By Kunal Kishore | August 23, 2024 7:00 PM
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Jharkhand News : भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं है. यह बाद सिमडेगा के युवक के लिए सटीक बैठती है. 13 साल तक अपने परिवार से दूर रहने के बाद आखिर में सिमडेगा का किशोर सोरेंग को उसका परिवार मिल ही गया. दुमका के गोपीकांदर निवासी सावित्री देवी मसीहा बन कर किशोर की मदद की.

13 साल बाद किशोर अपने परिवार से मिला

दरअसल, मजदूरी करने के बाद भी पैसे नहीं मिलने के कारण सिमडेगा के किशोर सोरेंग ने अपने परिवार से मिलने का आश छोड़ दिया था. किशोर के पास गोपीकांदर थाना क्षेत्र भालकी गांव के एक महिला मसीहा बनकर पहुंची और फिर अपने पैसे खर्च कर किशोर को गोपीकांदर लेकर आई. तब जाकर 13 वर्ष बाद किशोर को परिवार से मिलने का मौका मिला.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल मामला बेरोजगारी को लेकर पलायन से संबंधित है. किशोर सोरेंग मूलरूप से सिमडेगा जिला के रेगारिह थाना क्षेत्र के कोंगसेरा गांव का रहने वाला है. किशोर के भाई सुबोध केरकेट्टा ने गोपीकांदर थाना में दिए आवेदन में बताया है कि उनका भाई किशोर वर्ष 2011 मजदूरी करने दिल्ली गया हुआ था. वहां उसे मजदूरी के बदले पैसे नहीं दिए जाते थे. किशोर को सिर्फ भरण-पोषण का खर्चा ठेकेदार उठाता था. उसके पास पैसे नहीं रहने के कारण वह घर नहीं आ पा रहा था. यही वजह रही कि किशोर 13 सालों तक बगैर मजदूरी के ही काम करता रहा.

देवदूत बन कर आई गोपीकांदर की सावित्री

किशोर जिस ठेकेदार के पास काम करता था उसके बगल में गोपीकांदर थाना क्षेत्र की भालकी गांव की सावित्री देवी रहती थी. दोनों ने एक दूसरे को झारखंड का रहने वाला बताया. किशोर ने अपनी आप बीती सावित्री को बताया. सावित्री अपनी पैसे खर्च कर किशोर को गोपीकांदर अपने घर लेकर आयी. 20 अगस्त को सावित्री और किशोर गोपीकांदर थाना में मामले की जानकारी दी. जिसके बाद गोपीकांदर थाना प्रभारी रंजीत मंडल ने सिमडेगा पुलिस से संपर्क किया. 23 अगस्त को किशोर के परिजन गोपीकांदर थाना पहुंचे. शुक्रवार को पुलिस ने किशोर को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

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