Durga Puja 2024 : पलामू में लड़कियां मां दुर्गा के रुपों में कर रही है श्रृंगार, सोशल मीडिया में तस्वीरें हो रही है वायरल
Durga Puja 2024 : प्रभात खबर से योगिता ने बताया की दुर्गा के नौ रूपों में अलग-अलग नौ लड़कियों को सजाना एक चुनौती भरा काम था. इसके लिए अलग-अलग मेकअप सेट के साथ सभी के कॉस्टयूम और प्रॉप्स पर भी खास ध्यान दिए गए.
पलामू ,सैकत चटर्जी : नवरात्रि को लेकर पलामू में खूब तैयारियां की जा रही है. विभिन्न पूजा पंडाल के आयोजक समिति के लोग अपने -अपने आयोजन को सफल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है. दुकानें भी सज गयी है. दूसरी तरफ युवाओं के बीच फैशन को लेकर आगे जाने की होड़ मची है. इन सबसे अलग मेदिनीनगर की कुछ लड़कियां खुद को मां दुर्गा के कई रुपों से सुसज्जित कर चर्चे में आ गई है. मां दुर्गा के रूप से सजी इनकी तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.
कैसे हुई दुर्गा मां बनने की शुरुआत
लड़कियों को दुर्गा के रुप में सजाने की शुरुआत योगिताश्री मेकअप अकादमी से हुई. प्रभात खबर से खास बातचीत में मेकअप डिजाइनर योगिता ने बताया की उनके अकादमी में ट्रेनिंग लेने कई लड़कियां आती है. सिखाने के क्रम में उनका मेकअप किया जाता है. ऐसे में जब नवरात्रि का समय आया तो कुछ अलग करने की बात सामने आयी. सभी से मिलकर विचार किया गया और अंतत मां दुर्गा के नौ रूपों को जीवंत करने की प्लानिंग की गयी. इसके लिए हर बारीक पहलुओं का अध्ययन किया गया. नेट से दुर्गा के नौ रूपों की तस्वीरें इकट्ठा की गयी. तब जाकर कहीं एक शानदार शुरुआत हो सकी.
कॉस्टयूम और प्रॉप्स पर दिया गया खास ध्यान
प्रभात खबर से योगिता ने बताया की दुर्गा के नौ रूपों में अलग-अलग नौ लड़कियों को सजाना एक चुनौती भरा काम था. इसके लिए अलग-अलग मेकअप सेट के साथ सभी के कॉस्टयूम और प्रॉप्स पर भी खास ध्यान दिए गए. एक-एक कर कॉस्ट्यूम के चीज़ो को जुटाया गया. कुछ मेदिनीनगर बाजार से तो कुछ रांची बाजार से मंगाए गए. कुछ चीजों के लिए ऑनलाइन मार्किट का भी सहारा लेना पड़ा. सामान इकट्ठा करने के लिए भी कई लड़कियों को जिम्मेवारी दी गयी थी. सभी ने अपनी अपनी जवाबदेही को निभाया.
लड़कियों का चयन में भी हुई माथापच्ची
मां दुर्गा की नौ रूपों के लिए अलग-अलग नौ लड़कियों को चुनने में भी काफी माथापच्ची की गयी. किस रुप ने किसको सजाया जाये यह चुनना काफी मुश्किल का काम था. इसके लिए पहले स्केच का सहारा लेकर अनुमान लगाया गया की किसे मां दुर्गा के किस रूप से सजाया जाये. तब जाकर फाइनल निर्णय लिया गया. दुर्गा के रूप में खुद को देखकर लड़किया भी कभी खुश नजर आ रही थी.
कालरात्रि का रूप देना सबसे कठिन
योगिता और उनके सहायकों ने मिलकर छह घंटे की मेहनत की , जिसके बाद दुर्गा के नौ रूप को जीवंत कर दिया गया. इनमे कालरात्रि का रूप देना सबसे कठिन था. कालरात्रि के रूप में अर्चना ने भी काफी सहनशीलता का परिचय दिया. चेहरे और हाथ पैर में श्याम वर्ण रंग रंगवाना एक चुनौतीपूर्ण काम था. उसके बाद परफॉरमेंस के समय जीभ निकल कर लम्बे समय तक गुस्से का प्रदर्शन करना भी एक कठिन काम था जिसे अर्चना ने बखूबी अंजाम दिया. काली के रूप में अर्चना के अभिनय को काफी पसंद किया जा रहा है.
महागौरी बनी ज्योत्सना और सिद्धिदात्री बनी निवेदिता
मां दुर्गा की महागौरी रूप को ज्योत्सना पाल ने साकार किया, जबकि सिद्धिदात्री के रूप में निवेदिता अग्रवाल ने भी कमाल का प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया. खासकर कालरात्रि, सिद्धिदात्री और महागौरी का सम्मिलित परफॉरमेंस भी बहुत अच्छा रहा. तीनो का एक्सप्रेशन भी इनके चरित्र को निखारने में सहायक सिद्ध हुआ. इसके अलावा शैलपुत्री के रूप में विधि, ब्रह्मचारिणी के रूप में सिमी, चंद्रघंटा के रूप में गरिमा, कुष्मांडा के रूप में रूबी, कंदमाता के रूप में सिमरन, कात्यायनी के रूप में साल्वी ने परफॉर्म किया.
अगली बार होगी और बृहत् आयोजन
योगिता ने प्रभात खबर को बताया की इस वर्ष पहली बार ऐसा आयोजन किया गया था. पर जिस तरह से सभी ने सहयोग किया है उससे काफी उत्साह बढ़ा है. इस बार काफी कम समय में एक छोटे परिसर में इसका आयोजन किया गया था, पर अगली बार बृहत् पैमाने पर इसका आयोजन किया जायेगा. योगिता ने कहा की नए फैशन के दौर में युवा हमारे पौराणिक और धार्मिक ट्रेडिशन की ओर आकर्षित हो यह भी हम युवाओं को ही देखना होगा. इसलिए वर्तमान समय में ऐसे आयोजनों की जरूरत है.