धालभूमगढ़ : पहाड़ी नदी पानी लाती हैं महिलाएं, तब घरों में बनता है भोजन
शहरगोड़ा के 10 परिवार गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे, टोला के दोनों चापाकल खराब, पानी के लिए पसीना बहा रहीं महिलाएं
धालभूमगढ़.
धालभूमगढ़ प्रखंड की रावताड़ा पंचायत स्थित बासाझोर गांव के शहरगोड़ा टोला में 10 परिवार इन दिनों पेयजल के लिए तरस रहे हैं. उन्हें पहाड़ की तलहटी में पहाड़ी नदी से पानी लाना पड़ रहा है. टोला में दो चापाकल हैं, लेकिन पानी नहीं निकल रहा है. एक चापाकल कई दिनों से खराब है. दूसरे चापाकल की मरम्मत ग्रामीणों ने चंदा कर करायी थी. उसका पानी लाल और दुर्गंध युक्त है. बाध्य होकर महिलाओं को लगभग एक किलोमीटर दूर पहाड़ी से नीचे उतरकर नदी का पानी लाना पड़ रहा है. पहाड़ी पर चढ़ने में उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि कई बार जन प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों व राजनीतिक दल के नेताओं से गुहार लगायी गयी. पेयजल संकट के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं हुई. भीषण गर्मी में महिलाओं को जल्दी उठ कर पहाड़ी से उतरकर दिन भर के लिए पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है. पहाड़ी नदी के किनारे गड्ढा खोदकर पानी लाना पड़ता है. गड्ढे का पानी कभी गंदा हो जाता है. ग्रामीणों ने मांग की है कि दोनों चापाकल को दुरुस्त करते हुए अविलंब सोलर जलमीनार लगायी जाये.मौके पर लक्ष्मण सोरेन, जोगेंद्र टुडू, सुंदर मोहन टुडू, सामू चंद सबर, सोनिया टुडू, बासो टुडू, पिंकी टुडू, सालगे माझी, सूरजमनी टुडू, नानी टुडू, सिरबोन टुडू उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है