पूर्वी सिंहभूम में अबतक 55 प्रतिशत धान रोपनी

जिले में 1.10 लाख हेक्टेयर में इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य चार अगस्त तक जिले में हुई है 55 प्रतिशत रोपनी, अंतिम सही समय 17 अगस्त तक जुलाई में औसत से अधिक बारिश रोपाई के लिए कारगर साबित रही गालूडीह : पूर्वी सिंहभूम जिले में अबतक 55 प्रतिशत धान रोपनी हुई है. जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2017 3:59 AM

जिले में 1.10 लाख हेक्टेयर में इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य

चार अगस्त तक जिले में हुई है 55 प्रतिशत रोपनी, अंतिम सही समय 17 अगस्त तक
जुलाई में औसत से अधिक बारिश रोपाई के लिए कारगर साबित रही
गालूडीह : पूर्वी सिंहभूम जिले में अबतक 55 प्रतिशत धान रोपनी हुई है. जिले में इस वर्ष 1.10 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य जिला कृषि विभाग ने निर्धारित किया है. लक्ष्य के अनुरूप इस बार धान की खेती की संभावना है. जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो ने बताया कि चार अगस्त तक जिले में करीब 55 प्रतिशत धान रोपाई की रिपोर्ट है. धान रोपाई का अंतिम सही समय 15-17 अगस्त तक है. मनसा पूजा के साथ रोपाई हो जाती है. इसके बाद रोपाई करने पर उत्पादन ठीक नहीं होगा.
डीएओ ने बताया कि इस वर्ष जुलाई में औसत से अधिक बारिश धान रोपाई में लिए कारगर साबित हुआ है. इससे संभावना है कि इस वर्ष धान की बेहतर खेती होगी. लक्ष्य को पार कर लेंगे. उन्होंने बताया कि इस वर्ष करीब 550 हेक्टेयर परती जमीन में मोटे अनाज और धान की खेती की जा रही है. इसे लेकर सभी प्रखंडों में अभियान चलाया गया था. परती जमीन पर खेती करने पर किसानों को सम्मानित किया जायेगा.
किसानों ने सिंचाई नाला से मिट्टी हटाकर खेत तक पहुंचाया पानी
धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ प्रखंड के पुनसा, रुआशोल व दुधचुआ के किसानोंं ने शुक्रवार को घोड़ाधुया दक्षिणावाद सिंचाई नाला के अवरोधक को श्रमदान से हटाया. किसान हर प्रसाद सिंह सोलंकी, फातु सोरेन, सुकरा मुंडा, राजेश हेंब्रम, ठाकुर सोरेन, अभिजीत मुंडा, गुहीराम मुंडा आदि ने बताया कि फोर लेन निर्माण के कारण यह नाला चार जगहों पर मिट्टी से बंद हो गया था. इसके कारण नाला का पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा था. पानी के अभाव में धान की रोपनी नहीं हो रही थी. श्रमदान से नाला में मिट्टी से बने अवरोधक हटाये गये. अब खेतों तक पानी जायेगा और 100 बीघा खेत की सिंचाई होगी.

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