profilePicture

मिर्गीटांड़: पेड़ और घरों के छज्जे में टांग कर ग्रामीण रखते हैं मोबाइल

गालूडीह : घाटशिला प्रखंड के बाघुडि़या पंचायत के सबसे बीहड़ और नक्सल प्रभावित गांव मिर्गीटांड़ में नेट वर्क की गंभीर समस्या है. पहाड़ों से घिरे इस गांव में कोई भी कंपनी का मोबाइल काम नहीं करता. यहां 35 परिवार रहते हैं. सभी जंगलों पर आश्रित हैं. दो चार घरों के युवा मोबाइल प्रयोग करते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2017 5:22 AM

गालूडीह : घाटशिला प्रखंड के बाघुडि़या पंचायत के सबसे बीहड़ और नक्सल प्रभावित गांव मिर्गीटांड़ में नेट वर्क की गंभीर समस्या है. पहाड़ों से घिरे इस गांव में कोई भी कंपनी का मोबाइल काम नहीं करता. यहां 35 परिवार रहते हैं. सभी जंगलों पर आश्रित हैं. दो चार घरों के युवा मोबाइल प्रयोग करते हैं. वे अपने घरों के पास वृक्ष और घर के छज्जे में मोबाइल टांग कर रखते हैं, फोन आने पर बात करते हैं. रामचंद्र किस्कू ने बताया कि इस गांव में कुछ जगहों पर ही टॉवर मिलता है.

इन्हीं जगहों पर मोबाइल को रस्सी से बांध कर टांग देते हैं, जब फोन कहीं से आता है तो बात करने वहां जाना पड़ता है. बाघुडि़या पंचायत के मुखिया हुडिंग सोरेन ने बताया केशरपुर में सीआरपीएफ कैंप में बीएसएनएल का एक टॉवर लगा है. इसके बाद इस पंचायत के कई गांवों में बीएसएनएल फोन काम करता है. परंतु मिर्गीटांड़ में वह भी काम नहीं करता. अन्य कंपनी का मोबाइल इस पंचायत के गांवों में काम नहीं करता. ग्रामीण केशरपुर में अन्य कंपनियों के मोबाइल टॉवर लगाने की मांग कई बार कर चुके हैं. परंतु कोई पहल नहींं हुई. झाटीझरना पंचायत में भी मोबाइल टॉवर लगाने की मांग ग्रामीण काफी समय से करते आ रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version