सबर महिला व पांच माह की बच्ची कुपोषित
पांच माह की बच्ची का वजन सवा दो किलो जच्चा व बच्चा का अलग-अलग हो रहा इलाज दोनों को इलाज के लिए भर्ती किया गया घाटशिला : कुपोषण की शिकार गुड़ाबांदा के ज्वालकांटा निवासी लुलू सबर की पत्नी वनवासी सबर और उसकी पांच माह की बच्ची पल्लवी सबर को सोमवार को भर्ती कराया गया. बच्ची […]
पांच माह की बच्ची का वजन सवा दो किलो
जच्चा व बच्चा का अलग-अलग हो रहा इलाज
दोनों को इलाज के लिए भर्ती किया गया
घाटशिला : कुपोषण की शिकार गुड़ाबांदा के ज्वालकांटा निवासी लुलू सबर की पत्नी वनवासी सबर और उसकी पांच माह की बच्ची पल्लवी सबर को सोमवार को भर्ती कराया गया. बच्ची की मां सिर्फ 35 किलो की है. वहीं पांच माह की बच्ची का वजन सवा दो किलो है. जच्चा और बच्चा की स्थिति गंभीर है. वनवासी का अस्पताल के जेनरल वार्ड में इलाज जारी है. पल्लवी सबर को अस्पताल के कुपोषण केंद्र में इलाज जारी है. बच्ची की देखरेख उसकी दादी कर रही है. अस्पताल की चिकित्सका डॉ रामेश्वरी ने जच्चा और बच्चा को इसलिए अलग रखा है कि ताकि किसी प्रकार का इंफेक्शन नहीं हो.
मां और बच्ची के रक्त की जांच 24 अक्तूबर को होगी. इसके बाद पता चलेगा कि उनमें क्या बीमारी है. फिलहाल दोनों का इलाज जारी है. जच्चा व बच्ची की स्थिति की जानकारी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर टुडू को दी गयी है. ज्वालकांटा के सबरों के प्रधान सुकरा सबर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि ज्वालकांटा में चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था नहीं रहने के कारण अनुमंडल अस्पताल में भरती कराया गया है. यहां रोजगार का साधन नहीं है. सबरों का 35 किलो चावल से संसार चलता है. खाने-पीने का बेहतर साधन नहीं रहने से बच्ची कुपोषण का शिकार बनी है. उसने बताया कि लुलू सबर के भरोसे ही परिवार चलता है. गुड़ाबांदा के ज्वालकांटा जैसे जगह में रोजगार का कोई साधन नहीं है.