आदिवासियों के लिए सरना कोड लागू नहीं कर रही सरकार : बक्शी

मऊभंडार में अखिल भारतीय महासभा का प्रशिक्षण शिविर घाटशिला : मऊभंडार स्थित आइसीसी वर्कर्स यूनियन कार्यालय में बुधवार को अखिल भारतीय आदिवासी महासभा का प्रशिक्षण शिविर लगा. इसकी अध्यक्षता झारखंड प्रदेश के महासचिव गणेश चंद्र मुर्मू ने की. शिविर में महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सीआर बक्शी ने कहा कि आदिवासी हक और अधिकार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2017 5:27 AM

मऊभंडार में अखिल भारतीय महासभा का प्रशिक्षण शिविर

घाटशिला : मऊभंडार स्थित आइसीसी वर्कर्स यूनियन कार्यालय में बुधवार को अखिल भारतीय आदिवासी महासभा का प्रशिक्षण शिविर लगा. इसकी अध्यक्षता झारखंड प्रदेश के महासचिव गणेश चंद्र मुर्मू ने की. शिविर में महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सीआर बक्शी ने कहा कि आदिवासी हक और अधिकार के लिए उलगुलान की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के लिए सरना कोड लागू नहीं कर रही है. इस मामले में महासभा चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा कि वाट्सअप के माध्यम से गलत संदेश फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति सभ्यता अलग है. पूरे भारत में 21 करोड़ आदिवासी हैं. इसमें से झारखंड में सर्वाधिक आदिवासी हैं. इससे रांची व संथाल परगना में आदिवासी सर्वाधिक है‍.
फरवरी में संसद भवन का करेंगे घेराव : सरना कोड लागू करने के लिए आदिवासी हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे. राष्ट्रीय महासचिव पशुपति कोल ने कहा कि फरवरी में अपने हक, अधिकार और अस्तित्व की लड़ाई के लिए दिल्ली में संसद भवन का घेराव किया जायेगा. 15 से 30 नवंबर तक बिरसा मुंडा की जयंती मनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि घाटशिला की धरती से उलगुलान होगा. एआइटीयूसी के सचिव रतन महतो ने कहा कि कहा कि 1930 के पूर्व कुरमी आदिवासी थे.
लेकिन इस समय इस तरह की स्थिति बनी है कि उन्हें आदिशासी से वंचित कर दिया गया है. आदिवासी महासभा बंगाल के महासचिव सनातन किस्कू, संरक्षक सह पूर्व विधायक बास्ता सोरेन, घाटशिला जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू, डॉ सुनीता मार्डी, गौरांगो माहली ने शिविर को संबोधित किया. शिविर का संचालन दुलाल चंद्र हांसदा और धन्यवाद ज्ञापन ओम प्रकाश सिंह ने किया. मौके पर शशि भूषण कुमार, आइसीसी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बीरेंद्र नारायण सिंहदेव, खुदी राम मरहतो, भुनेश्वर तिवारी, ग्राम प्रधान मंगल माझी, पार्थो हेंब्रम, राम बाबू मुर्मू उपस्थित थे.

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