जहां श्रीमद‍‍् भागवत है, वहीं है भक्ति, कलियुग में मनुष्य को है इसकी जरूरत : हंसानंद महाराज

कार्तिक पूर्णिमा. नदी स्नान करने उमड़े श्रद्धालु, पूजा-पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में गुजरा दिन नगर कीर्तन के साथ चाकुलिया रास मंच में रास उत्सव शुरू, भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु चाकुलिया : चाकुलिया के नामोपाड़ा स्थित रास मंच में शनिवार से छह दिवसीय रास उत्सव का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर सुबह पांच बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2017 6:02 AM

कार्तिक पूर्णिमा. नदी स्नान करने उमड़े श्रद्धालु, पूजा-पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में गुजरा दिन

नगर कीर्तन के साथ चाकुलिया रास मंच में रास उत्सव शुरू, भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु
चाकुलिया : चाकुलिया के नामोपाड़ा स्थित रास मंच में शनिवार से छह दिवसीय रास उत्सव का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर सुबह पांच बजे कीर्तन मंडलियों के साथ नगर भ्रमण निकाला गया. बाजार क्षेत्र का परिभ्रमण कर मंडली रास मंच पहुंची. इसके बाद पूजा-अर्चना हुई. मौके पर भीड़ उमड़ पड़ी. दिन के चार बजे से भागवत कथा आयोजित हुई. हंसानंद महाराज ने भागवत पाठ किया. उन्होंने कहा कि जहां भागवत कथा होती है, वहां भगवान वास करते हैं. जहां भागवत है, वहीं भक्ति है. भागवत कोई ग्रंथ नहीं, वरन भगवान की वाणी है. उन्होंने कहा कि एक भगवान के तीन रूप हैं. सत्य, चित्त और आनंद. हमने उन्हें अनेक बना दिया है.
उन्होंने कहा कि भागवत में 18 हजार श्लोक हैं. भागवत से धर्म बढ़ेगा. कलियुग में भक्ति की जरूरत है. भागवत पाठ के बाद महाआरती हुई. मौके पर चंद्र देव महतो, लक्ष्मी नारायण दास, देवदास पंडा, रंजीत दास, बंकिम दास, कार्तिक चंद्र दास, नील कांत दास, पशुपति बेरा, सीतानाथ दत्त, तारक नाथ दास, गंगा गोप, गंगा नारायण दास, पतित पावन दास समेत सैकड़ों पुरुष और महिलाएं उपस्थित थे.

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