जंगल से लकड़ी काटकर किसी तरह पेट भर रहे सबर
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दारीसाई : सबरों को दो माह से नहीं मिला अनाज, रोटी के पड़े लाले
जंगल से लकड़ी काटकर किसी तरह पेट भर रहे सबर गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित दारीसाई सबर बस्ती के सबरों को दो माह से जन वितरण प्रणाली का चावल नहीं मिला है. बस्ती में करीब 20 सबर परिवार है. सितंबर से अनाज नहीं मिल रहा है. सबरों ने बताया कि प्रति माह […]
गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित दारीसाई सबर बस्ती के सबरों को दो माह से जन वितरण प्रणाली का चावल नहीं मिला है. बस्ती में करीब 20 सबर परिवार है. सितंबर से अनाज नहीं मिल रहा है. सबरों ने बताया कि प्रति माह आमचुड़िया के जविप्र दुकानदार डाकिया योजना के तहत बस्ती में चावल पहुंचाता था. सितंबर से चावल नहीं पहुंचा रहा है. हम क्या खायेंगे, बच्चों को क्या खिलायेंगे. समस्या उत्पन्न हो गयी है. दोपहर में सबर बस्ती के अधिकांश बिरसा आवास में महिला और पुरुष नहीं थे.
सभी जंगल गये थे. बच्चे बेहाल बैठे थे. एक सबर के बिरसा आवास में दो बच्चे बैठे थे. घर में हंडी-बर्तन खाली पड़ा था. खाने को कुछ नहीं था. दोनों भाई-बहन बदहाल थे. एक अन्य बिरसा आवास के पास एक मासूम सबर बच्चा नंग-धड़ंग हालत में खड़ा था. उसके माता-पिता जंगल लकड़ी लाने गये थे. वह इंतजार में था. बुद्धेश्वर सबर ने कहा कि यहां सभी सबरों के नाम अंत्योदय कार्ड है. जविप्र का चावल मिलता है, तो कम से कम महीना भर भात नसीब होता है. चावल नहीं मिलने से सबर बदहाल हैं. जंगल से लकड़ी लाकर बेचते हैं, तो दुकान जाकर चावल खरीदते है तब भात नसीब होता है.
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