इलाज के अभाव में टॉपर ने तोड़ा दम
घाटशिला : इरवाइन एडवेंटिस स्कूल से 2015 में दसवीं के टॉपर रहे देवाशीष गोप (20) ने आर्थिक तंगी के कारण इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. लिवर संबंधी बीमारी से जूझते देवाशीष को टीएमएच रेफर किया गया था, लेकिन परिवार के पास उसे वहां भर्ती कराने के पैसे नहीं थे. घाटशिला के गोपालपुर निवासी […]
घाटशिला : इरवाइन एडवेंटिस स्कूल से 2015 में दसवीं के टॉपर रहे देवाशीष गोप (20) ने आर्थिक तंगी के कारण इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. लिवर संबंधी बीमारी से जूझते देवाशीष को टीएमएच रेफर किया गया था, लेकिन परिवार के पास उसे वहां भर्ती कराने के पैसे नहीं थे.
घाटशिला के गोपालपुर निवासी देवाशीष गोप को पेट में दर्द होने के बाद उसकी मां शकुंतला गोप ने 10 नवंबर को सुवर्णरेखा नर्सिंग होम में भर्ती कराया था. वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए टीएमएच जमशेदपुर रेफर कर दिया गया. पैसे की तंगी के कारण परिवार उसे टीएमएच में भर्ती नहीं करा सका. 11 नवंबर को उसे एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर ले जाया गया. एमजीएम में चिकित्सकों ने प्रारंभिक इलाज के बाद दवा देकर उसे छोड़ दिया. 11-12 नवंबर की रात लगभग दो बजे देवाशीष की तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. उसे दोबारा नर्सिंग होम ले जाया जाया गया. लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
सुवर्णरेखा नसिंग होम के डॉ रंजीत ठाकुर ने बताया कि देवाशीष के लिवर में प्रॉब्लम थी, साथ में जौंडिस भी हो गया था, इसलिए उसे टीएमएच रेफर किया गया था, लेकिन घर वालों ने एमजीएम में इलाज कराया.
बहन ने दी मुखाग्नि
देवाशीष का रविवार को सुवर्णरेखा नदी के किनारे दाह संस्कार कर दिया गया. उसकी बहन भारती गोप ने उसे मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार में घाट पर उसके पैतृक गांव मौदाशोली के कई ग्रामीण पहुंचे. बड़ी बहन दुलारी गोप भी पहुंची. इसके अलावा भाजपा के मंडल अध्यक्ष कृष्ण शर्मा, समाजसेवी सुमन कश्यप, सुरेश रानी आदि भी मौजूद रहे.
प्रतिभावान छात्र था देवाशीष
देवाशीष ने 2015 में इरवाइन एडवेंटिस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा दी थी और स्कूल का टॉपर रहा था. उसे झारखंड पॉलिटेक्निक में 136वां रैंक मिला था. लोगों ने बताया कि वह व्यवहार कुशल युवक था. मौत की खबर सुन आसपास के लोग और इरवाइन स्कूल के विद्यार्थी भी देवाशीष के घर पहुंचे थे.
पिता के गुजरने के बाद तंगी का दौर
देवाशीष एचसीएल/आइसीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारी स्व मनोहर गोप का इकलौता पुत्र था. मनोहर का निधन एक दशक पूर्व ही चुका है. उसके कुछ समय बाद से ही घर आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. प्रतिभावान छात्र देवाशीष ने झारखंड पॉलिटेक्निक में अच्छा रैंक होने के बावजूद बीमारी और आर्थिक तंगी के कारण एडमिशन नहीं लिया था.