ग्रामीणों ने कहा- धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनने से आसपास का विकास होगा, ग्रामीणों को मिलेगा लाभ
रुआशोल. शीलपहाड़ी टोला के ग्रामीणों ने की बैठक बच्चों को भेजते रहेंगे स्कूल, लेंगे योजनाओं का लाभ धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की पावड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत अंतर्गत रुआशोल गांव के टोला शीलपहाड़ी के ग्रामीणों ने सोमवार को माझी अखाड़ा में बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता टोला प्रधान यादू मार्डी ने की. इस दौरान निर्णय लिया गया कि शीलपहाड़ी […]
रुआशोल. शीलपहाड़ी टोला के ग्रामीणों ने की बैठक
बच्चों को भेजते रहेंगे स्कूल, लेंगे योजनाओं का लाभ
धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की पावड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत अंतर्गत रुआशोल गांव के टोला शीलपहाड़ी के ग्रामीणों ने सोमवार को माझी अखाड़ा में बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता टोला प्रधान यादू मार्डी ने की. इस दौरान निर्णय लिया गया कि शीलपहाड़ी के अभिभावक बच्चों को लगातार विद्यालय भेजेंगे. वहीं सभी सरकारी योजनाओं का लाभ लेंगे. जन वितरण प्रणाली दुकान से खाद्यान्न, केरोसिन, नमक, चीनी आदि का उठाव करेंगे. विधवा, वृद्धा पेंशन के लाभुक पेंशन का उठाव करेंगे. गांव में किसी कार्य के लिए आने वाले सरकारी कर्मचारी का सहयोग करेंगे.
बैठक में कहा गया क्षेत्र का विकास होगा, तो आसपास के लोगों को लाभ मिलेगा. क्षेत्र का विकास होने से एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव धालभूमगढ़ में होने की संभावना रहेगी. बैठक में दासमात मुर्मू, जयराम मार्डी, शिबू टुडू, पलटन मार्डी, बदेन मार्डी, जय राम बेसरा, सुनाराम बेसरा, मुची राम हांसदा, सोनाली बेसरा, पिरिया टुडू, हिंसी बेसरा, रूपाली मुर्मू, सुकुल मनी मार्डी, सूरजमनी मार्डी, प्रमिला बहादुर, छीता बेसरा, राणी मार्डी उपस्थित थे.
अंचलाधिकारी हरिश्चंद्र मुंडा ने जानकारी दी थी कि प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए रुआशोल और दूधचुआ में 7.80 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने की संभावना है. भूमि अधिग्रहण से पांच से सात परिवार ही विस्थापित होंगे. रुआशोल की ग्रामसभा भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं.
रुआशोल मुख्य टोला के ग्रामीण आंदोलन पर
विदित हो कि रुआशोल मुख्य टोला के ग्रामीणों ने प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में ग्रामसभा कर सरकारी लाभ नहीं लेने की घोषणा की है. बच्चों को सरकारी विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं भेज रहे हैं. 30 अक्तूबर को ग्रामसभा कर जुलूस निकाला. प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम बीडीओ की अनुपस्थिति में प्रखंड सहायक को मांगपत्र सौंपा था. मांगपत्र में कहा गया कि रुआशोल और दूधचुआ की अधिग्रहित भूमि खारिज करनी होगी.