घाटशिला अनुमंडल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बदहाल, नहीं हो पा रहा ऑपरेशन
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प्रभारी और डॉ बदर के विवाद में मरीज बेहाल चैंबर से टेबुल-कुर्सी हटायी, सोफा पर इलाज
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बदहाल, नहीं हो पा रहा ऑपरेशन घाटशिला : घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में कांट्रैक्ट (संविदा) पर बहाल सर्जन डॉ अशरफ बदर और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आपसी विवाद में मरीज परेशान हैं. डॉ बदर पर ओपीडी की बजाय चैंबर में बैठने का आरोप है. जबकि प्रभारी पर अस्पताल में ऑपरेशन […]
घाटशिला : घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में कांट्रैक्ट (संविदा) पर बहाल सर्जन डॉ अशरफ बदर और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आपसी विवाद में मरीज परेशान हैं. डॉ बदर पर ओपीडी की बजाय चैंबर में बैठने का आरोप है. जबकि प्रभारी पर अस्पताल में ऑपरेशन के लिए एनीस्थेसिया के चिकित्सक बहाल नहीं करने व उपकरण उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है.
डॉ बदर के खिलाफ जांच के लिए टीम गठित की गयी है. आरोप है कि जब भी जांच के लिए टीम पहुंचती है, डॉ बदर गायब रहते हैं. इन सबके बीच मंगलवार को अनुमंडल अस्पताल में डॉ बदर के चैंबर से कुर्सी-टेबुल हटा दिया गया. इसके बाद डॉ बदर ने सोफा पर बैठकर मरीजों का इलाज किया. अस्पताल के कर्मचारियों को डॉ बदर का सहयोग करने से मना कर दिया. मरीजों के विरोध के बाद उनके चैंबर में टेबुल और कुर्सी लगायी गयी.
डॉ बदर अस्पताल में जब से बहाल हुए हैं, तब से करीब 20 हाइड्रोसिल समेत अन्य ऑपरेशन कर चुके हैं. उनसे पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ महेश्वरी प्रसाद और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर टुडू नाखुश हैं. डॉ बदर के चैंबर से कुर्सी-टेबुल हटाने के मुद्दे पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर टुडू से संपर्क करने का प्रयास किया. जानकारी मिली कि वे सिविल सर्जन कार्यालय जमशेदपुर गये हैं. उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
डॉ बदर पर सिर्फ ऑपरेशन करने का आरोप : पिछले दिनों प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का कहना था कि डॉ बदर अस्पताल में केवल ऑपरेशन करते हैं. मरीज की ड्रेसिंग या अन्य चीजें किसके भरोसे छोड़ देते हैं. वे ओपीडी में नहीं बैठते हैं. इसके कारण मरीजों को परेशानी होती है.
भाजपा नेता ने सीएस से कहा, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत : डॉ बदर को सोफा पर बैठ मरीजों का इलाज करते देख भाजयुमो के जिला महासचिव संजय तिवारी और राजेश बसंल ने सिविल सर्जन से बात की. श्री तिवारी ने कहा वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री रघुवर दास और स्वास्थ्य सचिव से करेंगे. अस्पताल में ऑपरेशन की व्यवस्था व उपकरण नहीं है. अस्पताल के कर्मचारी बी डॉ बदर का सहयोग नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने इसकी शिकायत विधायक लक्ष्मण टुडू और एसडीओ अरविंद कुमार लाल से की. श्री तिवारी ने बताया कि डॉ बदर की 15 दिनों की हाजिरी काटी गयी है. विधायक ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था पर आंच नहीं आनी चाहिए. विधायक ने आश्वासन दिया कि डॉ शंकर टुडू और बदर से बात कर मामले को सुलझाया जायेगा.
मेरे खिलाफ जांच टीम बैठायी गयी है. जिस दिन टीम आयी थी. उस दिन भी अस्पताल में था. टीम ने मुझसे बात नहीं की. मुझपर अनुशासनहीनता का आरोप है. टीम के पास उनका नंबर था. अगर टीम चाहती तो उनसे बात कर मामले को देखती. मुझपर आरोप है कि ओपीडी में नहीं बैठता हूं. अपने चैंबर में बैठता हूं. मेरा चैंबर ही ओपीडी है. मरीज वहां आकर दिखा सकते हैं. मेरे खिलाफ सभी हैं. ऐसी व्यवस्था में काम कर रहा हूं.
– डॉ अशरफ बदर, सर्जन, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला.
नौटंकी कर रहे डॉ बदर : सीएस
सिविल सर्जन डॉ महेश्वरी प्रसाद ने कहा कि डॉ बदर की 15 दिनों की हाजिरी काटी गयी है. इसके कारण डॉ बदर नौटंकी कर रहे हैं. डॉ बदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से बात नहीं करते हैं. वे सीएस का फोन रिसीव नहीं करते हैं. अनुमंडल अस्पताल में ऑपरेशन बंद हो जाये. वे इसके पक्षधर नहीं हैं. अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर टुडू और सर्जन डॉ अशरफ बदर के बीच समझौता कराने के पक्ष में हूं. मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनायी गयी है.
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