VIDEO : विधायक साधु चरण महतो गिरफ्तार, मारपीट के आरोप को झूठ बताया

जमशेदपुर:भूअर्जन पदाधिकारी के साथ मारपीट के आरोप में पुलिस ने इचागढ़ विधायक साधु चरण महतो को बुधवार को अस्‍पताल में गिरफ्तार कर लिया. सीने में दर्द की शिकायत के बाद विधायक को टीएमेएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इधर विधायक ने अपनी गिरफ्तारी से साफ इनकार कर दिया. उन्‍होंने कहा, पुलिस अस्‍पताल आयी है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2018 4:45 PM

जमशेदपुर:भूअर्जन पदाधिकारी के साथ मारपीट के आरोप में पुलिस ने इचागढ़ विधायक साधु चरण महतो को बुधवार को अस्‍पताल में गिरफ्तार कर लिया. सीने में दर्द की शिकायत के बाद विधायक को टीएमेएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इधर विधायक ने अपनी गिरफ्तारी से साफ इनकार कर दिया. उन्‍होंने कहा, पुलिस अस्‍पताल आयी है, लेकिन मुझे गिरफ्तारी के बारे में कोई सूचना नहीं दिया गया है.

उन्‍होंने संवाददाता के साथ बातचीत में कहा, मैं इस समय अपना इलाज करा रहा हूं. मेरे सीने में दर्द है, शुगर बढ़ा हुआ है. डॉक्‍टर इलाज कर रहे हैं. मारपीट के आरोप पर उन्‍होंने कहा, भूअर्जन पदाधिकारी ने उनके खिलाफ झूठा आरोप लगाया है. मैं कार्ट की शरण में जाऊंगा और मामले की जांच की मांग करूंगा.

उन्‍होंने कहा, मैं भ्रष्‍टाचार करने वाले अधिकारियों को कभी नहीं छोडूंगा, चाहे इसके लिए मुझे जेल क्‍या फांसी भी हो जाए तो मंजूर. मालूम हो साधुचरण महतो पर भू अर्जन पदाधिकारी दीपू सिंह के साथ मार-पीट करने और फोन पर धमकी देने का आरोप है.

गौरतलब हो विधायक की गिरफ्तारी को लेकर पिछले दिनों पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए उनके आदित्यपुर स्थित आवास में नोटिस चिपकाया था. पुलिस ने नोटिस में लिखा था कि अगर विधायक एक माह के अंदर खुद को सरेंडर नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कुर्की जब्ती का वारंट जारी किया जाएगा.

* क्या है मामला
इसी साल 22 फरवरी को एनएच 32 चौडीकरण मामले में मुआवजा राशी बांटने गये जिला भू अर्जन पदाधिकारी दीपु कुमार के साथ विधायक साधुचरण महतो ने कथित रूप से मरापीट किया था. मामले पर दीपु कुमार ने विधायक साधु चरण महतो सहित अन्य 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. मामले पर ग्रामीणों की और से दीपु कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
विधायक के अवास पर फरारी इश्तेहार जारी किया गया है. इश्तेहार जारी होने के बाद एक माह तक सेरेंडर करने या गिरफ्तारी देने का समय रहता है अगर इस दौरान गिरफ्तारी नहीं होता है तो न्यायालय के आदेश पर कुर्की जब्ती का वारंट जारी होगा.

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