सोलर संचालित तीन चापाकलों से नहीं बुझ रही 1200 लोगों की प्यास
सुबह नौ बजे से पानी चढ़ना शुरू होता है, दोपहर दो बजे बंदप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीEarthquake: क्यों कांप रही हमारी धरती, ऐसा क्या राज दफन है कई किलोमीटर नीचेपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से […]
सुबह नौ बजे से पानी चढ़ना शुरू होता है, दोपहर दो बजे बंद
पानी के लिए चापाकलों पर सुबह से लगती है कतार
लोगों ने चापाकलों में विद्युत मोटर लगाने की रखी मांग
घाटशिला : घाटशिला के चालकडीह में लोग इन दिनों जल संकट से जूझ रहे हैं. यहां करीब 150 घरों में 1200 आबादी है. इनके लिए तीन चापाकलों में सोलर सिस्टम लगाये गये हैं. इसके बावजूद पानी भरने के लिए सुबह से लोगों की कतार लगती है. लोग अपने घरों से बाल्टी, डेगची, डब्बा समेत अन्य चीजें लेकर पानी ले आते हैं. ग्राम प्रधान बादल चौधरी ने कहा कि सोलर सिस्टम से कुछ नहीं होने वाला है. जब तक यहां के चापाकलों में विद्युत मोटर सिस्टम नहीं लगेगा. तब तक काम नहीं होगा. सुबह से पानी भरने वालों की लाइन लग जाती है. सूर्य की रोशनी से तो सोलर चार्ज होने के बाद 9 बजे पानी चढ़ना शुरू होता है. दो बजे के बाद सोलर का कार्य करना बंद कर देता है.
ग्रामीणों ने कहा कि चालकडीह में बड़ी बस्ती है. सोलर सिस्टम से नहीं तत्काल तीनों में विद्युत संचालित पंप लग जाये तो जलापूर्ति हो सकती है. ग्रामीणों ने बताया कि राजस्टेट चौक पर महावीर कालिंदी और अजीत कालिंदी के घर के पास सोलर लगे हैं. ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस मामले में वरीय पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधियों से बात करते हैं. गुरु कालिंदी, संजय बेहरा, नेपाल कालिंदी, नित्या कालिंदी ने बताया कि विनोद कालिंदी के घर के पास खराब चापानल को पंचायत की पहल से पंचायत सेवक देवानंद पात्र ने तीन माह पूर्व चापाकल मरम्मत के लिए खोला गया. तीन माह बीतने के बाद भी चापानकल की मरम्मत नहीं हुई. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है. पंचायत सेवक ने बताया कि चापाकल की मरम्मत में पाइप की जरूरत है. इसके लिए बीडीओ को आवेदन देकर चापाकल मरम्मत के लिए पाइप की मांग की गयी है.