चार कांवरियों की ट्रेन से कट मौत, सभी एक ही परिवार के

चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत पानपोष स्टेशन के पास एक ही परिवार के चार कांवरियों की ट्रेन से कटकर मौत हो गयी. यह घटना रविवार देर रात की है. वहीं परिवार के तीन सदस्य बाल-बाल बचे. सभी भिलाई (छत्तीसगढ़) के रहनेवाले थे. ओड़िशा स्थित घोघरधाम में बाबा को जलाभिषेक करने कांवर लेकर एक ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2018 7:15 AM
चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत पानपोष स्टेशन के पास एक ही परिवार के चार कांवरियों की ट्रेन से कटकर मौत हो गयी. यह घटना रविवार देर रात की है. वहीं परिवार के तीन सदस्य बाल-बाल बचे. सभी भिलाई (छत्तीसगढ़) के रहनेवाले थे. ओड़िशा स्थित घोघरधाम में बाबा को जलाभिषेक करने कांवर लेकर एक ही परिवार के सात सदस्य निकले थे.
पानपोष पुल के नीचे ब्राह्मणी नदी में जल लेकर रेलवे ब्रिज पार करते समय चारों कांवरिये मुंबई हावड़ा मेल एक्सप्रेस की चपेट में आ गये. तीन की घटनास्थल पर और एक की अस्पताल में मौत हो गयी. ट्रेन की चपेट में आये कांवरिये धक्का लगने के बाद नदी में जा गिरे. हादसे के बाद एक घंटे तक ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया था. सुबह होते ही बचाव दल मौके पर पहुंची और गोताखोरों ने नदी से तीन कांवरियों का शव बाहर निकाला. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुल पर कांवरियों का अत्यधिक भीड़ थी. तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन को देख कई लोग किनारे हो गये. इन लोगों को हटने का मौका नहीं मिला.हालांकि आरपीएफ के जवानों ने इन्हें रुकने को कहा था, लेकिन ट्रेन दूर मान कर सभी पुल पार करने लगे.
पुल पर नहीं है फुटपाथ, रहता है अंधेरा
ब्रह्मणी नदी पर बनी पुलिया में पैदल पार होने के लिए फुटपाथ नहीं है. हालांकि अलग से एक दूसरा पुल है, जिससे वाहनों का आवागमन होता है. लेकिन जल उठानेवाले कांवरिया अमूमन रेल गाड़ी पार करने के लिए बनी पुलिया से आते-जाते हैं. यह नजदीक पड़ता है, इसलिए जान जोखिम में डाल कर भी रेल पुल से ही कांवरिया आना जाना करते हैं. रेल पुल पर बिजली की भी व्यवस्था नहीं है.
जल उठा कर कर रहे थे पुल पार
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नदी और पुल में कांवरियों का भीड़ हर रविवार को होती है. तीसरी सोमवारी होने के कारण हादसा के वक्त और अधिक भीड़ थी. ट्रेन मुंबई की ओर काफी तेज गति से से आ रही थी. बड़ी संख्या में कांवर ट्रेन देख कर पटरी से हट गये थे, लेकिन हादसे का शिकार लोगों को हटने का मौका ही नहीं मिल सका.

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