डॉ सुनीता को तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार

घाटशिला के पूर्व विधायक बास्ता सोरेन की पुत्रवधू हैं डॉ सुनीता देवदूत सोरेनप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीEarthquake: क्यों कांप रही हमारी धरती, ऐसा क्या राज दफन है कई किलोमीटर नीचेपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2018 4:33 AM

घाटशिला के पूर्व विधायक बास्ता सोरेन की पुत्रवधू हैं डॉ सुनीता देवदूत सोरेन

चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने पर मिला सम्मान
गालूडीह : जमशेदपुर के रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक सह समाजसेवी डॉ सुनीता देवदूत सोरेन को चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. विगत 26 अगस्त को भागलपुर में आयोजित समारोह में उन्हें पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया.
डॉ सुनीता देवदूत सोरेन घाटशिला के पूर्व विधायक बास्ता सोरेन की पुत्रवधु हैं. उनके पति डॉ देवदूत सोरेन जमशेदपुर में चिकित्सक हैं, जबकि पिता भोगान मारांडी पोस्टल विभाग के सुपरिंटेंडेंट थे जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. पुरस्कार पाने से उनके परिवार में खुशी है. डॉ सुनीता ने कहा कि मेरा मिशन है स्वस्थ भारत और एक भारत. घाटशिला की बहू को तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार मिलनेे से घाटशिला वासियों को गर्व है.
डॉ सुनीता गांवों में लगाती हैं चिकित्सा शिविर, गरीब छात्रों की करती हैं मदद
डॉ सुनीता देवदूत सोरेन कई वर्षों से चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नि:स्वार्थ काम कर रही हैं. वह जमशेदपुर शहर से बाहर निकल कर घाटशिला अनुमंडल के सुदूर गांवों में चिकित्सा शिविर लगाकर गरीबों का नि:शुल्क इलाज करती हैं. दवाइयां देती हैं. जरूरत पड़ने पर जमशेदपुर ले जाकर इलाज करती हैं. इतना ही नहीं गांवों के गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाई में आर्थिक मदद भी करती है. डॉ सुनीता देवदूत सोरेन हाल ही में हेंदलजुड़ी पंचायत के विभिन्न गांवों की पांच गरीब आदिवासी छात्राओं की छात्रवृत्ति बंद होने से अपने स्तर से पांचों छात्राओं को कॉलेज और परीक्षा की फीस 1.25 लाख रुपये दी थी. छात्राओं की इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं छूटी. डॉ सुनीता के इस तरह के काम और सेवा के लिए ही उन्हें तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. डॉ सुनीता ने कहा, यह पुरस्कार घाटशिला वासियों और उनके शुभचिंतिकों का ही है.

Next Article

Exit mobile version