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बहरागोड़ा कॉलेज: 2229 विद्यार्थियों के लिए मात्र 21 शिक्षक

बहरागोड़ा : बहरागोड़ा महाविद्यालय के यूजी एवं पीजी विभाग महज 21 शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. महाविद्यालय में कुल 2229 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए महाविद्यालय में दस स्थायी तथा 11 अतिथि शिक्षक हैं. ज्ञात हो कि महाविद्यालय में स्थायी शिक्षकों के कुल 21 पद स्वीकृत हैं. यहां आठ विषयों […]

बहरागोड़ा : बहरागोड़ा महाविद्यालय के यूजी एवं पीजी विभाग महज 21 शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. महाविद्यालय में कुल 2229 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए महाविद्यालय में दस स्थायी तथा 11 अतिथि शिक्षक हैं. ज्ञात हो कि महाविद्यालय में स्थायी शिक्षकों के कुल 21 पद स्वीकृत हैं. यहां आठ विषयों में पीजी की पढ़ाई होती है.

ऐसी स्थिति में पठन-पाठन प्रभावित हो रही है. शिक्षकों को विभिन्न कार्य तथा सही समय में कॉलेज नहीं आने के कारण कई विद्यार्थी अपनी कक्षाएं सुचारू रूप से नहीं कर पा रहे है. कॉलेज की स्थिति से कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन परिचित है. कॉलेज में शिक्षक, कर्मचारियों और भवन की कमी है. इसका खामियाजा विद्यार्थियों भुगतना पड़ रहा है.
क्लासरूम की कमी: महाविद्यालय में क्लॉस रूम की कमी है. विद्यार्थियों की संख्या के तुलना में काफी कम है.भवन अभाव के कारण महिला छात्रावास में क्लास चल रही है. 14.50 करोड़ के लागत से बना प्रोजेक्ट आज तक स्वीकृति नहीं मिल पायी है. प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने से कमियों को पूरा किया जा सकता है.
आठ विषयों की मिली स्वीकृति : बहरागोड़ा महाविद्यालय में आठ विषयों में पीजी की पढ़ाई की स्वीकृति विश्वविद्यालय द्वारा दी गयी है. अब तक सेमीस्टर थ्री और वन की परीक्षा हो चुकी है.आमतौर पर विश्व विद्यालय पीजी विभाग पहले से बदहाल है.
महाविद्यालय में बंगला, ओडि़या, अर्थशास्त्र, इतिहास, संताली, हिन्दी, राजनीतिक विज्ञान, वाणिज्य में पीजी स्वीकृ त है. इन विषयों में सिर्फ एक-एक शिक्षक है. विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त घंटी आधारित शिक्षक बंगला को छोड़कर अन्य में एक-एक शिक्षक है. घंटी आधारित शिक्षक बनने की योग्यता नेट अथवा पीएचडी उत्तीर्ण रखा गया है.
लेकिन इन्हें पीजी में पढ़ाने का अधिकार ही नहीं है. इस स्थिति में स्थायी शिक्षक को ही पीजी में पढ़ाना होगा. दूसरी ओर विश्वविद्यालय द्वारा अतिथि अध्यापक के रूप में रखे गये शिक्षकों को यूजी के साथ-साथ पीजी पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गयी है. जिसके एवज में मात्र छह हजार रूपया दिये जाते है.
दो विभागध्यक्ष होंगे सेवानिवृत्त: हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष जेपी सिंह तथा इतिहास के विभागाध्यक्ष एनएन त्रिवेदी मई एवं जुलाई में सेवानिवृत्त होगें.
अधिकांश विषयों में नहीं होती है कक्षाएं: आठ विषय में कहने को तो बहरागोड़ा महाविद्यालय में पढ़ाई हो रही है. वास्तव में यह नामांकन परीक्षा फॉर्म भरने और परीक्षा देने तक सीमित है. आठ में से दो विषयों को अपवाद स्वरूप छोड़ दिया जाये तो छह महीने में 30 दिन भी कक्षाएं नहीं होती. कई ऐसे विषय है जिनमें सिर्फ तीन दिन कक्षाएं आयोजित की गयी है. उक्त आरोप सेमीस्टर तीन की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों द्वारा लगाया गया है. इस स्थिति में पीजी के विद्यार्थियों का भविष्य क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
दो नन टीचिंग स्टाफ : महाविद्यालय में अधिकतर नन टीचिंग स्टाफ सेवानिवृत्त हो गये हैं. महाविद्यालय में सिर्फ दो नन टीचिंग स्टाफ हैं. ऐसे स्थिति में सेवानिवृत्त एवं स्थायी स्टाफ के भरोसे चल रहा है.
विज्ञान एवं भूगोल विषयों में शिक्षक नहीं: यूजी में भूगोल एवं विज्ञान विषयों में स्थायी शिक्षक नहीं हैं. विद्यार्थियों को शिक्षक नहीं होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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