25 आक्रांत, दहशत

ढांगाकमल और सिरिसबनी में मलेरियाघाटशिला : घाटशिला के नक्सल प्रभावित आसना पंचायत के ढांगाकमल और सिरिशबनी में सप्ताह भर से मलेरिया का कहर है, परंतु सरकारी स्वास्थ्य विभाग इससे बेखर है. दोनों गांव के 25 से ज्यादा महिला, पुरुष, बच्चे मलेरिया और वायरल फीवर की चपेट में आकर बिस्तर में पड़े कराह रहे हैं. सप्ताह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:46 PM

ढांगाकमल और सिरिसबनी में मलेरिया
घाटशिला : घाटशिला के नक्सल प्रभावित आसना पंचायत के ढांगाकमल और सिरिशबनी में सप्ताह भर से मलेरिया का कहर है, परंतु सरकारी स्वास्थ्य विभाग इससे बेखर है. दोनों गांव के 25 से ज्यादा महिला, पुरुष, बच्चे मलेरिया और वायरल फीवर की चपेट में आकर बिस्तर में पड़े कराह रहे हैं.

सप्ताह भर पूर्व ढांगाकमल गांव निवासी मान सिंह सोरेन की पत्नी चांदमुनी सोरेन की मौत हो गयी, परंतु सरकारी स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित गांवों में नहीं पहुंची है. गांव की सहिया दीपाली सोरेन ने बताया कि हमारे पास पारासिटामोल की कुछ दवाइयां थी, जो मरीजों को दे दी.

अब और दवाइयां नहीं है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को एएनएम रत्ना मुखर्जी गांव आयेंगी. वह महीना में एक बार आती है. कल उनके आने की तिथि है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चापानल नहीं. झरना का पानी पीते हैं. संभावना है कि झरना के दूषित पानी पीने से ही लोग बीमार पड़े हैं.

ढांगाकमल के पीड़ित मरीज

ढांगाकमल के चंद्रराय सोरेन, गोपी नाथ हेंब्रम, राम मार्डी, सुशील टुडू, लक्ष्मी मार्डी, आलोमुनी सोरेन, लेपा सोरेन, लुसा सोरेन आदि शामिल हैं.

सिरिशबनी के पीड़ित मरीज

सिरिशबनी के बुधराय टुडू, भीम टुडू, रानी टुडू, सारथी सोरेन, गेडा हांसदा, दीपाली सोरेन, महा मुमरू, सुरजीत मुमरू, राम सन मुमरू, मालती मुमरू आदि शामिल हैं.
– ललन सिंह –

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