East singhbhum news : मुसाबनी में जंगली फल खाने से 16 विद्यार्थी हुए बेहोश, अनुमंडल अस्पताल में भर्ती
बेनाशोल प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम के बाद हुई घटना, फल खाते ही उल्टी व सिर में चक्कर आने से बेहोश हो गये बच्चे, स्कूल परिसर में मची अफरा-तफरी, काफी देर से पहुंची एंबुलेंस
मुसाबनी. मुसाबनी प्रखंड की बेनाशोल पंचायत स्थित फौजी बस्ती के धीबर टोला में जंगली फल खाने से 16 विद्यार्थी उल्टी व सिर चक्कर के बाद बेहोश हो गये. दरअसल, बच्चों ने बेनाशोल प्राथमिक विद्यालय में दोपहर का भोजन किया. इस दौरान पास की झाड़ियों से बायो डीजल पौधा (जेरेडिया) का जहरीला फल खा लिया. बच्चों के बेहोश होने स्कूल में अफरा-तफरी मच गयी. सूचना पाकर मुखिया शुक्रमणि हेंब्रम और बच्चों के परिवार वाले स्कूल पहुंचे. बीमार बच्चों को 108 एंबुलेंस से घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सक ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति खतरे से खाली है.
अस्पताल में इलाजरत बच्चे
नमिता धीवर (11), रीमा पात्र (10), सुखदेव धीवर (12), मानव धीवर (8), आलोक लाला (11) अरब मुखी (7), रौशन धीवर (7), रोशनी धीवर ( 11), साहिल मुखी (8), रतन धीवर (11), नीर बील धीवर (11), सुनील धीवर (10) अंजना धीवर ( 8), धीरज मुखी ( 6) व अन्य शामिल हैं.
दो घंटे तक नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, ग्रामीण हुए आक्रोशित
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की हालत खराब थी. वहीं फोन करने के करीब दो घंटे बाद भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची. इससे ग्रामीणों ने नाराजगी जतायी. स्थानीय अमित सिंह ने घटना की सूचना झामुमो नेता काजल डॉन को दी. इसके बाद एंबुलेंस पहुंची. बच्चों को एंबुलेंस से इलाज के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल लाया गया. बच्चों को अस्पताल लाने में गुरमीत सिंह और सोना सिंह ने मदद की.शिक्षा मंत्री अस्पताल पहुंचे, जानकारी ली
अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सक ने बच्चों को केमिकल देकर उल्टी करायी. सूचना पाकर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन अनुमंडल अस्पताल पहुंचे. बच्चों और परिजनों से मिलकर हाल जाना. चिकित्सकों से बच्चों के बेहतर इलाज करने को कहा. मंत्री के साथ विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत ,प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन हांसदा ,वकील हेंब्रम, प्रधान सोरेन काजल डान , राजहंस मिश्रा, विकास मजूमदार उपस्थित थे.सभी खतरे से बाहर, 12 घंटे तक निगरानी में रहेंगे बच्चे : चिकित्सक
चिकित्सकों के मुताबिक सभी बच्चे की हालत खतरे से बाहर है. बच्चों को अस्पताल में 12 घंटे तक रखा जायेगा. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर एन सोरेन के नेतृत्व में स्कूली बच्चों का प्राथमिक उपचार चल रहा है. उन्होंने बताया कि डॉ हिना रानी स्कूली बच्चों का इलाज कर रही हैं. तत्काल स्कूली बच्चों को 12 घंटे रखा जायेगा. आवश्यकता पड़ी, तो एमजीएम रेफर किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है