प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम
लचर बिजली व्यवस्था से परेशान ग्रामीण उतरे सड़क पर, मचाया हंगामा, एसडीओ से मिलेघाटशिला/गालूडीह : घाटशिला प्रखंड के गालूडीह थाना क्षेत्र की सात पंचायत और साठ मौजा वाले दामपाड़ा क्षेत्र समेत बनकांटी, कीताडीह, धरमबहाल, फुलपाल आदि जगहों पर पिछले 10 दिनों से बिजली व्यवस्था लचर हो गयी है. 24 घंटे में मुश्किल से पांच से […]
लचर बिजली व्यवस्था से परेशान ग्रामीण उतरे सड़क पर, मचाया हंगामा, एसडीओ से मिले
घाटशिला/गालूडीह : घाटशिला प्रखंड के गालूडीह थाना क्षेत्र की सात पंचायत और साठ मौजा वाले दामपाड़ा क्षेत्र समेत बनकांटी, कीताडीह, धरमबहाल, फुलपाल आदि जगहों पर पिछले 10 दिनों से बिजली व्यवस्था लचर हो गयी है. 24 घंटे में मुश्किल से पांच से छह घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है.
इससे ग्रामीणों का सब्र का बांध आज टूट गया. गालूडीह, हेंदलजुड़ी, धरमबहाल, कीताडीह आदि कई गांवों से सैकड़ों ग्रामीण घाटशिला के जिप सदस्य राजू कर्मकार, हेंदलजुड़ी के मुखिया दुर्गा चरण मुमरू, सीपीआइ नेता दुलाल चंद्र हांसदा, फिवियन तिर्की, भाजपा नेता हराधन सिंह, राजेश साह, झामुमो नेता सिप्पू शर्मा, पुष्पल मांझी आदि के नेतृत्व में सोमवार दोपहर को वाहनों पर सवार होकर घाटशिला पहुंचे और बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में जम कर हंगामा मचाया.
ग्रामीण जब यहां पहुंचे, तो कार्यालय में न कार्यपालक अभियंता थे, न एसडीओ और न ही कोई कनीय अभियंता उपस्थित थे. सिर्फ कई कर्मचारी उपस्थित थे. एक कर्मी उमेश चंद्र पांडेय बिजली विपत्र काट रहे थे. उग्र ग्रामीणों ने उससे कार्यालय से बाहर निकाल दिया उसके कार्यालय में ताला मार दिया. ग्रामीणों ने कहा कि पहले जन समस्या सुलझायें. फिर काम करें. यहां से ग्रामीणों की जत्था घाटशिला के एसडीओ कार्यालय पहुंचा.
ग्रामीण 10 दिनों से परेशान
बिजली समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने एसडीओ अमित कुमार से मिल कर एक मांग पत्र सौंपा और कहा कि पिछले 10 दिनों से ग्रामीण परेशान हैं. समस्या का निदान करने की मांग की गयी. एसडीओ ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस समस्या से जिला को अवगत कराया गया है. जल्द निपटारा किया जायेगा. एसडीओ ग्रामीणों से कहा कि बिजली विभाग जनता से जो वायदा करते हैं उससे पूरा करें.
ग्रामीणों ने प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी, तो गालूडीह और दामपाड़ा क्षेत्र की जनता सड़क पर उतर जायेंगे. इसकी जबावदेही प्रशासन की होगी.