घाटशिला में तीन माह में सर्पदंश के 28 मामले आये, अस्पताल की जगह झाड़-फूंक के चक्कर में जा रही जान
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी झाड़-फूंक और जड़ी-बूटी के चक्कर में लोग समय बर्बाद करते हैं. इससे कई लोग जान गंवाते हैं. सर्पदंश से अधिकतर मौत अंधविश्वास के कारण होती है.
मो.परवेज/ललन सिंह, घाटशिलागर्मी और बरसात में हर वर्ष घाटशिला अनुमंडल में सर्पदंश (सांप काटने) के मामले बढ़ जाते हैं. इस बार अप्रैल से जून के बीच दो दर्जन मामले आये हैं. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी झाड़-फूंक और जड़ी-बूटी के चक्कर में लोग समय बर्बाद करते हैं. इससे कई लोग जान गंवाते हैं. सर्पदंश से अधिकतर मौत अंधविश्वास के कारण होती है. वहीं, समय पर अस्पताल पहुंचने वाले 90 फीसदी की जान बच जाती है. अनुमंडल अस्पताल से मिली रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से 25 जून, 2024 तक सर्पदंश के 28 मामले आये. कई मरीजों को एमजीएम रेफर किया गया. अप्रैल में दो, मई में 15 और जून में अब तक 11 मरीज अस्पताल पहुंचे. इनमें एक मरीज की मौत हुई. रेफर मरीजों की स्थिति की जानकारी नहीं है.
घाटशिला में सर्पदंश से तीन मौत
घाटशिला में सर्पदंश से तीन की मौत हुई, तो कई एमजीएम रेफर हुए. घाटशिला प्रखंड के जामबाद निवासी सवाना हांसदा (18) को 15 जून की रात में लाया गया. 17 जून को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में मौत हो गयी. इसी प्रखंड केंदोपोसी निवासी बुद्ध सबर (35) को 14 जून की रात में लाया गया. उसे एमजीएम फिर रिम्स रेफर किया गया. रिम्स में उसकी मौत हो गयी. आसना पंचायत के बारेडीह टोला निवासी मंगल सोरेन (17) को 19 जून की रात में अनुमंडल अस्पताल लाया गया. यहां से एमजीएम फिर झाड़ग्राम ले जाया गया. 20 जून को उसकी मौत हो गयी.सांप काटने के बाद तुरंत अस्पताल लायें
ग्रामीण क्षेत्र में सर्पदंश के बाद अधिकांश लोग झाड़-फूंक कराते हैं. इसी चक्कर में मौत होती है. सर्पदंश के बाद तुरंत बाद अस्पताल लाना जरूरी है. गर्मी और बरसात में जमीन पर सोना सही नहीं है. सांप काटने पर कुछ दूरी में रुमाल या गमछा बांध दें. जंगल जाने पर जूता पहनें. अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है. एमजीएम अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर, पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व हर साधन उपलब्ध है.– डॉ आरएन सोरेन, चिकित्सा प्रभारी, अनुमंडल अस्पताल, घाटशिलाडुमरिया : तीन घटनाएं हुईं, एक युवती की मौत
20 जून को डुमरिया के केंदुआ गांव में 17 वर्षीय सिनगो सोरेन की मौत सर्पदंश से हो गयी. वह जमीन पर सोयी थी. उसे करैत सांप ने काट लिया. अस्पताल पहुंचाने में देरी के कारण जान चली गयी. पहले झाड़-फूंक कराया फिर अस्पताल ले गये.
21 जून को भीतर चाकड़ी के 68 वर्षीय लता सिंह को घर में सांप ने काट लिया. परिजन तुरंत डुमरिया सीएचसी ले गये. उसकी जान बच गयी.22 जून को धोलाबेड़ा के 39 वर्षीय तंगरु लुगुन को रात में सांप ने सिर में काट लिया. परिजन तुरंत डुमरिया सीएचसी पहुंचे. उसकी जान बच गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है