मेडिकेटेड मच्छरदानी से पकड़ी जा रहीं मछलियां

मनोहरपुर : मलेरिया जोन के रूप में चिह्न्ति सारंडा के लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचाने के लिए पिछले दिनों मेडिकेटेड मच्छरदानियां वितरित की गयीं. लेकिन यहां के लोग इन मच्छरदानियों का प्रयोग मच्छर से खुद के बचाव में नहीं वरन मछली पकड़ने में कर रहे हैं. ऐसे में एक अहम सवाल है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2013 4:23 AM

मनोहरपुर : मलेरिया जोन के रूप में चिह्न्ति सारंडा के लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचाने के लिए पिछले दिनों मेडिकेटेड मच्छरदानियां वितरित की गयीं. लेकिन यहां के लोग इन मच्छरदानियों का प्रयोग मच्छर से खुद के बचाव में नहीं वरन मछली पकड़ने में कर रहे हैं. ऐसे में एक अहम सवाल है कि आखिर मलेरिया पर विजय पाना कैसे संभव होगा.

बरसात के दिनों में खासकर गांव के नालों,खेतों नदियों में मौजूद छोटी मछलियों को पकड़ने के लिये उपयुक्त आसान साधन के रूप में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली मच्छरदानी का प्रयोग कर रहे हैं.सारंडा जंगल में बसे गांवों में मलेरिया का प्रकोप है.

इसकी वजह से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. राज्य सरकार के मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम भी इन क्षेत्रों में प्रभावी नहीं है. सारंडा डेवलपमेंट प्लान के दौरान केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की पहल पर सारंडा के गांवों में मलेरिया जैसी बीमारी पर काबू पाने के लिए राज्य को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराते हुए सारंडा को मलेरिया से मुक्त करने के लिये विशेष योजना चलायी जा रही है.

इस दौरान सभी गांवों में डीडीटी का छिड़काव,मच्छरदानी का वितरण, हेल्थ चेकअप राउंड, नियमित रक्त नमूने की जांच, एहतियात बरतने के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर मलेरिया मुक्त जोन बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

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