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नदी में बह रहा नाला, सबर पी रहे गंदा पानी

बीए इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल कैंपस के बाथरूम, किचेन का गंदा पानी मिलता है सातगुड़म नदी मेंप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीEarthquake: क्यों कांप रही हमारी धरती, ऐसा क्या राज दफन है कई किलीमीटर नीचेपीएम मोदी YouTube से करते हैं करोड़ों की कमाई, एक वीडियो से हुई 10780560 रुपये की आमदनीNepal Violence : क्या 17 साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2015 8:28 AM

बीए इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल कैंपस के बाथरूम, किचेन का गंदा पानी मिलता है सातगुड़म नदी में

गालूडीह : गालूडीह थाना क्षेत्र के घुटिया में स्थित बीए इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल कैंपस से बाथरूम, किचन, मेंस का गंदा पानी कॉलेज के बगल से गुजरी सातगुड़म नदी में बहा दिया जा रहा है. कॉलेज के अंदर से एक पाइप नदी तक आया है, जिससे गंदा पानी नदी में आ रहा है.

इसका विरोध घुटिया सबर बस्ती के सबरों ने किया है. शुक्रवार को अनेक सबर नदी तट पर पहुंचे और कॉलेज द्वारा नदी में बहाये जा रहे गंदे पानी का विरोध जताया. रवि सबर, मंगल सबर, सुकू सबर, मिठुन सबर, मोती सबर, रंजीत सबर, लखन सबर आदि ने बताया कि कई वषों से यही हाल है. कई बार ग्राम प्रधान प्रफुल्ल सिंह के माध्यम से कॉलेज को सुचित किया गया और गंदा पानी नदी में छोड़ना बंद करने की मांग की गयी. परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई. नदी का पानी ही पीते हैं सबर : सबरों ने बताया कि सबर बस्ती में दो चापानल है, पर दोनों खराब है. सबर नदी का पानी ही पी रहे हैं. सबरों ने कहा कि कॉलेज द्वारा गंदा पानी बहा देने से नदी का पानी गंदा हो गया है. पानी गंदा होने से त्वचा रोग हो गया है.

मुखिया ने भी किया निरीक्षण : बड़ाकुर्शी पंचायत के मुखिया बासंती प्रसाद सिंह शुक्रवार को घुटिया सबर बस्ती जाकर सबरों के साथ नदी तट पर गये और कॉलेज द्वारा नदी में बहाये जा रहे पानी को देखा. कॉलेज के गंदा पानी से नदी का पानी प्रदूषित हो गया है. मुखिया ने कहा कि कॉलेज प्रबंधन को पंचायत की ओर से एक नोटिस भेजी जायेगी. तत्काल गंदा पानी बहाना बंद करने की बात कही जायेगी. अगर फिर भी सुनवाई नहीं होती है तो कानूनी कार्रवाई करेंगे.

‘‘कॉलेज और हॉस्टल का अपना शॉप्ट टैंक है. हां बाथरूम, किचन और मेंस का कुछ बाहरी पानी बहता होगा तो कह नहीं सकते. मैं अभी दो साल से यहां हूं. कॉलेज आठ साल से चल रहा है. प्रबंधन के लोग ही बेहतर जबाव देंगे. अगर गंदा पानी नदी में जा रहा है तो यह मानवता के लिहाज से गंभीर मामला है. मैं सात दिनों की छुट्टी में हूं. लौटते ही पहले नदी तट पर जाकर इस मामले को देखूंगा. -अभिजीत मित्र, प्राचार्या, बीए इंजीनियरिंग कॉलेज

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