जहां लहलहाती थी सब्जी की फसलें, वहां चर रहे मवेशी

घाटशिला : झारखंड गठन के 14 साल बाद भी किसानों के अच्छे दिन नहीं आये हैं. सिंचाई सुविधा के अभाव में किसान खेती से वंचित हैं. घाटशिला के बुरूडीह डैम में पानी नहीं रहने के कारण तीन पंचायतों के किसान इस साल की गरमी में सब्जी की खेती करने से वंचित रह गये. जहां सब्जी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 8:56 AM

घाटशिला : झारखंड गठन के 14 साल बाद भी किसानों के अच्छे दिन नहीं आये हैं. सिंचाई सुविधा के अभाव में किसान खेती से वंचित हैं. घाटशिला के बुरूडीह डैम में पानी नहीं रहने के कारण तीन पंचायतों के किसान इस साल की गरमी में सब्जी की खेती करने से वंचित रह गये. जहां सब्जी की फसल लहलहाती थी, वहां आज मवेशी चर रहे हैं. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. आज भी इलाके के खेत सूखे ही हैं.

300 एकड़ खेत में होती थी खेती. बुरूडीह डैम के पानी से प्रखंड की कालचिती, बड़ाजुड़ी और काशीदा पंचायत के किसान हर साल 300 एकड़ खेत की सिंचाई करते थे. इनमें 150 एकड़ खेत में सब्जी की खेती होती थी. कई इलाके में किसान गरमा धान की खेती भी करते थे.

नहीं हुई गरमा धान और सब्जी की खेती. इस साल गर्मी में बुरूडीह डैम में पानी काफी कम था. यह डैम लगभग सूख गया था. इसके कारण किसान खेत की सिंचाई से वंचित रहे. नतीजतन किसानों ने गरमा धान और सब्जी की खेती नहीं की. कहते हैं किसान. अंबुज भगत, हरेन गोराई, डोमन चंद्र हेंब्रम, मसांग मांडी, सुशील भगत, सुसेन सिंह, सहदेव हेंब्रम, गुरूचंद किस्कू, लगान मुमरू, मनो सामंत ने कहा कि बुरूडीह डैम में पानी नहीं रहने से भारी नुकसान हुआ. सब्जी की खेती नहीं हुई. अब अगर पर्याप्त वर्षा नहीं हुई तो फिर धान की फसल पर भी आफत आ जायेगी. किसानों ने कहा कि सरकार अब सुवर्णरेखा परियोजना के केनाल में पानी छोड़े, ताकि खेतों में सिंचाई हो सके.

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