Ghatshila News : फूलडुंगरी में एनएच पर सात साल में 50 लोगों की गयी जान
घाटशिला में फ्लाइओवर या अंडर पास नहीं बनन से आक्रोश, सात साल से आंदोलन कर रहे हैं आसपास के ग्रामीण
घाटशिला. घाटशिला के फूलडुंगरी में फ्लाइओवर या अंडरपास नहीं बनने से लगातार दुर्घटना हो रही है. इसे लेकर ग्रामीण सात वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि, इसपर किसी का ध्यान नहीं है. देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि सात वर्षों से फूलडुंगरी में लगातार दुर्घटना हो रही है. सात साल में लगभग 50 लोगों न जान गंवायी है. वहीं, कई लोग गायल हुए हैं. हर दुर्घटना के समय सवाल उठता रहा है. मामले में स्थानीय जनप्रतिनिधि चुप रहे हैं. फूलडुंगरी के पास हाइवे पर अंडर पास अनिवार्य है.
50 गांवों के लोग करते हैं आवागमन
घाटशिला न्यायालय, प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, अनुमंडल अस्पताल, मारवाड़ी हिंदी प्लस टू हाई स्कूल स्थित है. छात्र-छात्राएं प्रतिदिन हाइवे से आवागमन करते हैं. वहीं, 50 गांव के लोग आवागमन करते हैं. उन्होंने कहा कि पावड़ा गांव की खेती सबसे अधिक हाइवे किनारे है. ऐसे में उधर से आवागमन करना पड़ता है. मवेशियों को भी ले जाना पड़ता है. 2018 के बाद से गांव के ग्रामीणों ने मवेशियों को धीरे-धीरे हटा दिया. सोहराय पर्व पर बैल खोजना पड़ता है. समिति के सदस्य एनएचआइ पदाधिकारी से लेकर रांची, दिल्ली पथ निर्माण विभाग के कार्यालय तक आवेदन दिया. स्थिति जस की तस है.
2018 में नेशनल हाइवे समिति बनी
नेशनल हाइवे समिति में संरक्षक बैजू मुर्मू, रामदास हांसदा, भुवनेश्वर तिवारी, जिला परिषद देवयानी मुर्मू, पूर्व जिप राजू कर्मकार, मुखिया पार्वती मुर्मू समेत कई लोग शामिल हैं. 2018 में नेशनल हाइवे समिति का गठन हुआ था. फूलडुंगरी में अंडरपास या फ्लाइओवर की मांग पर आंदोलन चलता रहा. किसी ने ध्यान नहीं दिया.
केंद्र या राज्य सरकार नहीं दे रही ध्यान : रामदास हांसदा
झारखंड आंदोलनकारी रामदास हांसदा ने कहा कि 7 वर्षों से नेशनल हाइवे समिति के बैनर तले आंदोलन चल रहा है. फूलडुंगरी में अंडरपास या फ्लाई ओवर निर्माण कराने में केंद्र और राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया. जब भी दुर्घटना हुई. यहां के लोग सवाल उठाते रहे हैं.
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