एक ही कैंपस में बराज मध्य विद्यालय और कस्तूरबा विद्यालय
गालूडीह : एक ही कैंपस में गालूडीह बराज मवि और और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का होना ही विवाद का कारण माना जा रहा है. कस्तूरबा स्कूल का अलग से कोई कैंपस और चहारदीवारी नहीं है. एक परिसर में दोनों विद्यालय चलते हैं. बराज मवि में प्रथम से आठवीं तक के छात्र-छात्राएं आते हैं. […]
गालूडीह : एक ही कैंपस में गालूडीह बराज मवि और और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का होना ही विवाद का कारण माना जा रहा है. कस्तूरबा स्कूल का अलग से कोई कैंपस और चहारदीवारी नहीं है. एक परिसर में दोनों विद्यालय चलते हैं. बराज मवि में प्रथम से आठवीं तक के छात्र-छात्राएं आते हैं. वहीं कस्तूरबा में भी कक्षा छह से 12वीं तक की छात्राएं हैं.
कस्तूरबा का अपना भवन कम पड़ने से बराज मवि के दो भवनों का प्रयोग कक्षा चलाने के लिए कई वषों से हो रहा है. बराज मवि के एक कमरे में ही कस्तूरबा के रोकड़पाल का कार्यालय भी चलता है.
पहले इस कैंपस में एक लोहे का गेट लगा था, परंतु चहारदीवारी बनाने वालों ने गेट खोल दिया है. इस कैंपस में प्रवेश के लिए अब कोई रोक टोक तक नहीं है. दिन भर कस्तूरबा की छात्राएं कक्षा करने के लिए बराज मवि के भवन में आती-जाती रहती हैं.
खेल, प्रार्थना, एसेंबली सभी बराज मवि के कैंपस में ही होता है. शाम में छात्राएं कस्तूरबा आवासीय भवन में जाती है और आवासीय भवन के गेट में ताला लगता है, जबकि दिन भर बराज मवि और कस्तूरबा में कोई अंतर नहीं रहता.
शनिवार को जांच में आये विधायक कुणाल षाड़ंगी और रामदास सोरेन यह देख कर आश्चर्य जताया और कहा कि ऐसे में सुरक्षा पर सवाल तो उठेगा ही. बराज मवि के दो नये भवन में कस्तूरबा की छात्राओं की कक्षाएं चलती हैं. जिनमें खिड़की-दरबाजे तक नहीं. भवन रास्ते से बिल्कुल सटा है.
इससे सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है. इस बात से नेताओं ने डीएसइ को भी अवगत कराया. डीएसइ ने कहा जगह के अभाव से बराज मवि के भवनों का प्रयोग हो रहा है. कस्तूरबा का नया भवन बन रहा है. फिर समस्या दूर हो जायेगी.