प्रसूता व नवजात को फर्श पर सुला दिया
मुसाबनी सीएचसी में अव्यवस्था का आलम मुसाबनी : मुसाबनी सीएचसी में मंगलवार को प्रसव के बाद विलुप्त हो रहे सबर–बिरहोरों को फर्श में लेटा कर इलाज किया गया. नेत्र की मिनी सबर को सुबह नौ बजे संस्थागत प्रसव के तहत केंद्र में प्रसव कराया गया. उसे पुत्र हुआ. प्रसूता मिनी सबर एवं उसके नवजात शिशु […]
मुसाबनी सीएचसी में अव्यवस्था का आलम
मुसाबनी : मुसाबनी सीएचसी में मंगलवार को प्रसव के बाद विलुप्त हो रहे सबर–बिरहोरों को फर्श में लेटा कर इलाज किया गया. नेत्र की मिनी सबर को सुबह नौ बजे संस्थागत प्रसव के तहत केंद्र में प्रसव कराया गया. उसे पुत्र हुआ. प्रसूता मिनी सबर एवं उसके नवजात शिशु को फर्श पर ही सोने दिया गया.
वहीं टुमांगकोचा के मायनो बिरहोर जिसे प्रसव के लिए सीएचसी में भरती कराया गया था. उसे भी जमीन में ही लेटाया गया था. उसका पति कोहड़ा बिरहोर अपनी गर्भवती पत्नी के पास बैठा था. फर्श पर अस्पताल की ओर से बिछावन की व्यवस्था नहीं थी.
मिनी सबर अपने नवजात को कपड़ों पर सुलाकर घर से लाये कंबल ढक कर सोयी थी. वहीं मायनो बिरहोर भी फर्श पर बिना बिछावन के ही लेट कर प्रसव पीड़ा ङोल रही थी. झारखंड आंदोलनकारी मंच के संजीवन पातर ने सीएचसी की अव्यवस्था की ओर प्रभारी का ध्यान आकृष्ट किया है. उन्होंने प्रखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने की मांग की है.
ममता वाहन में छोटे वाहनों के मामले पर भी आपत्ति जताया. प्रभारी डॉ माहली ने कहा कि सीएचसी में कमरे की कमी है. एक ही कमरे में छह बेड हैं. मंगलवार को पांच प्रसव हुए, जबकि इससे पूर्व आठ प्रसव कराये गये. नवजात एवं प्रसूता को किसी तरह से रखा गया था. 48 घंटे प्रसव के बाद रखने का प्रावधान है. बेड की कमी के कारण ही मिनी सबर तथा मायनो बिरहोर को फर्श में सोने दिया गया था.