बढ़ेगी सुरदा की उत्पादन क्षमता
मुसाबनी .बंद खदाने होंगी चालू मुसाबनी : एचसीएल सिंहभूम ताम्र पट्टी में बंद पड़ी खदानों को फिर से चालू करने तथा प्रस्तावित खदानों को खोलने के लिए कवायद कर रही है. एचसीएल इन खदानों में करीब एक हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है. कंपनी 2017-18 तक अपनी योजना को अमली जामा पहनाने में जुटी […]
मुसाबनी .बंद खदाने होंगी चालू
मुसाबनी : एचसीएल सिंहभूम ताम्र पट्टी में बंद पड़ी खदानों को फिर से चालू करने तथा प्रस्तावित खदानों को खोलने के लिए कवायद कर रही है. एचसीएल इन खदानों में करीब एक हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है.
कंपनी 2017-18 तक अपनी योजना को अमली जामा पहनाने में जुटी है. इससे फिर से इस जनजाति बहुल खनन क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित होंगे. एचसीएल अपनी एक मात्र खदान सुरदा के उत्पादन क्षमता विस्तार के लिए सुरदा फेज टू के तहत 206 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.
सुरदा फेज टू को विकसित करने का ग्लोबल टेंडर श्रीराम इपीसी को मिला है. श्री राम इपीसी ने आइआरएल को सहयोगी कंपनी आइसीएमपीएल को सुरदा फेज टू का काम दिया है. 2012 में सुरदा फेज टू का काम प्रारंभ हुआ है और इसे 2017 तक पूरा करना है. इसके तहत सोहदा में एक नया भर्टीकल शॉफ्ट बनाया जा रहा है एवं सुरदा खदान को वर्तमान 13 वें लेबल से 18 वें लेबल तक विकसित करने का काम चल रहा है.
सुरदा की उत्पादन क्षमता बढ़कर होगी 2700 टन
सुरदा फेज टू का काम पूरा हो जाने से सुरदा खदान की वर्तमान उत्पादन क्षमता 13 सौ टन प्रतिदिन से बढ़कर 27 सौ टन प्रतिदिन अयस्क उत्पादन की हो जायेगी. साथ ही सुरदा खदान की आयु 30 वर्ष बढ़ जायेगी. सुरदा खदान में उत्पादन लागत को घटाने के लिए 6 सौ मीटर नया भर्टीकल शॉफ्ट बनाया जा रहा है.
शॉफ्ट के बन जाने के बाद खदान के अंदर क्रशर प्लांट लगाया जायेगा ताकि अयस्क की खदान के अंदर ही पिसाई की जा सके. इससे अयस्क के परिवहन की लागत में कमी आयेगी.
सुरदा फेज टू 8 सितंबर 14 से बंद था. 20 अक्तूबर 2015 से फिर से प्रारंभ हुआ है. परियोजना के इंचार्ज अनिल सिंह के अनुसार 60 मीटर शॉफ्ट का निर्माण पूरा कर लिया गया है. इसके साथ ही खनन विकास का काम जोर शोर से चल रहा है. उन्होंने कहा कि वाइंडर बैठाने का काम जल्द पूरा हो जायेगा. 11 केवी का सब स्टेशन बन गया है.